पूर्व चयनकर्ता किरण मोरे हुए इमोशनल, बोले धोनी को देखकर गौरवान्वित पिता जैसा अहसास होता है
नई दिल्ली, 7 जुलाई | बीसीसीआई के पूर्व मुख्य चयनकर्ता किरण मोरे ने कहा है कि उन्हें हमेशा से विश्वास था कि महेंद्र सिंह धोनी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छा करेंगे और नाम कामाएंगे। मोरे की उम्मीदों पर धोनी पूरी तरह से खरे उतरे और न सिर्फ वह दुनिया के महान फिनिशर बने बल्कि भारत को दो विश्व कप दिला सफल कप्तानों में नाम लिखवाया।
धोनी मंगलवार को अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं।
मोरे ने आईएएनएस से बात करते हुए धोनी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और कहा, "उनमें हमेशा से प्रतिभा थी। उनमें कुछ विशेष था। जब आप भारतीय टीम के लिए खेलते हो और अच्छा करते हो तो आप स्टार बन जाते हो। यही उन्होंने किया। उन्हें प्रदर्शन करने का मंच दिया गया और उन्होंने उसे दोनों हाथों से भुनाया।"
पूर्व विकेटकीपर ने कहा, "वह भारत के कप्तान बने और टी-20 विश्व कप-2007 जीता। वहां से उनका ग्राफ ऊपर ही चढ़ता गया है। उन्होंने टेस्ट में भी भारत की कप्तानी की और फिर वनडे विश्व कप-2011 जीता।"
धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने वनडे विश्व कप, टी-20 विश्व कप और चैम्पियंस ट्ऱॉफी जीती है। उनकी कप्तानी में भारत टेस्ट और वनडे रैंकिंग में नंबर-1 टीम बनी
मोरे से जब पूछा गया कि उन्हें धोनी में क्या खासियत पसंद आई थी तो उन्होंने कहा, "उनका क्रिकेट खेलने का तरीका। वह पहले दिन से एक तरीके से ही खेल रहे है और उनके पास मैच जीतने का अच्छा नजरिया है। वह टीम मैन हैं और एक इंसान के तौर पर काफी विनम्र। वह चीजों को काफी सरल रखते हैं।"
मोरे से जब पूछा गया कि क्या वो धोनी की उपलब्धियों को देखकर गौरवान्वित पिता की तरह महसूस करते हैं तो उन्होंने कहा, "हां, घर में बैठकर यह सोचकर की उन्होंने क्रिकेट के लिए क्या किया है, अच्छा लगता है। यह शानदार है। वह काफी सफल रहे हैं। जब आप चयनकर्ता होते हैं तो आप हमेशा अच्छे क्रिकेटरों को देखते हैं। यह आपका काम है।"
उन्होंने कहा, "सिर्फ मैं ही नहीं हूं जिसे पूरे श्रेय लेना चाहिए, बल्कि बाकी लोग भी थे। आप क्रिकेटर को चुनते हैं और जब वह अच्छा करता है और टीम जीतती है तो आपको अच्छा लगता है, गर्व महसूस होता है।"
मोरे ने धोनी के संन्यास को लेकर कहा, "मुझे लगता है कि यह फैसला धोनी पर भी छोड़ देना चाहिए। वह जो चाहते हैं हमें उसका सम्मान करना चाहिए।"