मुश्किल में फंसे गौतम गंभीर, जनता की भलाई के बाद भी पुलिस ने इस बात के लिए मांगा जवाब
पूरा भारत अभी कोरोना की महामारी से जूझ रहा है और इस दौरान कई भारतीय क्रिकेटरों ने लोगों की मदद के लिए अपने हाथ बढ़ाए है। शिखर धवन से लेकर ऋषभ पंत तक और हनुमा विहारी से लेकर भारत के कप्तान विराट कोहली तक ने इसके खिलाफ मुहीम छेड़ दी है।
भारत के कई शहरों में से जिन शहरों को कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है उसमें देश की राजधानी दिल्ली भी है। भारत के पूर्व बल्लेबाज और दिल्ली क्षेत्र के एमपी गौतम गंभीर ने भी लोगों की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए और उनके भोजन से लेकर अन्य कई चीजों का इंतजाम कर रहे हैं।
इसी बीच गौतम गंभीर दिल्ली के नाजरिकों को दवाई देने के कारण परेशानी में आ चुके है। 25 अप्रैल को गंभीर ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर यह ऐलान किया था कि उनकी संस्था लोगों को फैबीफ्लू की दवाई फ्री में देगी। इस दवाई को लेने के लिए केवल आधार कार्ड और जरूरी कागज लगेंगे।
लेकिन इस अच्छे काम के बावजूद दिल्ली पुलिस ने गंभीर से पूछताछ की है। कारण यह है कि कुछ नेताओं ने गंभीर ने पर यह सवाल दागा है कि उनके पास एक बार में इतनी अधिक मात्रा में फैबी फ्लू की टैबलेट कहा से आई क्योंकि राज्य में इस चीज में काफी अकाल पड़ी थी।
जिन लोगों ने गौतम गंभीर से सवाल पूछा वो कांग्रेस के पवन खेड़ा और आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक है।
पवन खेड़ा ने ट्वीटर पर पूछा कि क्या केमिस्ट की दुकान पर फैबीफ्लू टैबलेट की कमी रह गई है क्योंकि इसे ऐसे ही से बांटा जा रहा है।
इसी कारम पुलिस लगातार इस मामले की खोजबीन कर रही है। हालांकि गंभीर ने ट्वीटर पर इस बात का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष को इस मुद्दे पर नहीं बोलना चाहिए। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में उनसे जवाब मांगा था और गंभीर की टीम ने सारी जानकारी दे दी है। उन्होंने आगे लिखा कि वो दिल्ली और दिल्ली वासियों की सेवा हमेशा करेंगे।