गाजियाबाद का लड़का दिखाएगा अंडर-19 में कमाल, पिता चलाता है परचून की दुकान
गाजियाबाद के रहने वाले सिद्धार्थ यादव का अंडर-19 इंडियन क्रिकेट टीम में चयन हुआ है। ये खबर आने के बाद उनके परिवार व आस पड़ोस के लोगों में खुशी का माहौल है। सिद्धार्थ 3 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं, वहीं उनके पिता किराने की दुकान चलाते हैं।
गाजियाबाद के कोट गांव निवासी 18 वर्षीय सिद्धार्थ यादव ने अपनी मेहनत और लगन से सारी बाधाओं को पीछे छोड़ अपने सपनों को पूरा किया। सिद्धार्थ का चयन टीम इंडिया में बतौर बल्लेबाज हुआ है।
उनके पिता के मुताबिक, सिद्धार्थ का बचपन से ही क्रिकेट खेलने का एक सपना था और क्रिकेट के अलावा उसे कभी कोई और खेल पसंद नहीं आया।
वहीं 3 वर्ष की उम्र से सिद्धार्थ जिस तरह इस खेल को खेलते थे, वह देखने लायक था। इसी कारण उन्होंने अपने बेटे के सपने को साकार करने का जिम्मा उठाया।
सिद्धार्थ के पिता श्रवण जोकि कोटगांव की तंग गलियों में एक परचून की दुकान चलाते हैं और वह भी एक खिलाड़ी रहे चुके हैं। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि, हम बहुत खुश हैं और अच्छा महसूस कर रहे हैं। मेरे बेटे का बचपन का सपना साकार हुआ है। मैं एक दुकानदार हूं, लेकिन उसके बावजूद घंटों की कड़ी मेहनत में अपने बेटे का साथ दिया।
हर क्रिकेट मैच में बेटे ने शतक व हाफ सेंचुरी मारी, यही देखते हुए उसका चयन अंडर 19 वर्ल्ड कप में हुआ है।
उन्होंने आगे बताया कि, सुबह 7 बजे से 2 बजे तक दुकान खोलता हूं और उसके बाद अपने बेटे को प्रैक्टिस कराने ले जाता हूं, वहीं लॉकडाउन में भी बहुत समय तक प्रैक्टिस कराई, जिसका बहुत फायदा हुआ।
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दरअसल 12 सालों तक उनके पिता ने अपने बेटे को ट्रेनिंग दी, लेकिन उसके बाद फॉर्मर क्रिकेटर अजय शर्मा के सानिध्य में सिद्धार्थ को कोचिंग दी गयी। इसके अलावा सिद्धार्थ की दादी भी उसके चयन के बाद बेहद खुश हैं।