BCCI अधिकारी ने कहा,सीओए को 'पे एंड प्ले' रैकेट के बारे में बताया था

Updated: Sat, Jul 27 2019 12:54 IST
IANS

नई दिल्ली, 27 जुलाई | दिल्ली पुलिस ने जहां घेरलू क्रिकेट में पैसे देकर खेलने का एक और मामला उजागर किया है वहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इससे परेशान है। यहां तक की प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बार-बार यह कहकर चीजों को दबाने की कोशिश की है कि सब कुछ नियंत्रण में हैं और भ्रष्टाचार रोधी ईकाई (एसीयू) सभी खिलाड़ियों पर नजर रखे हुई है, खासकर पिछले सीजन में आई नौ नई टीमों के साथ जुड़ने वाले खिलाड़ियों पर। 

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि जब नई टीमों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी तब सीओए को इस बात से अवगत करा दिया गया था। 

बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, "इस बात के बारे में हमने कई बार चेतावानी दी थी। बीसीसीआई इससे सिर्फ बयान देकर नहीं बच सकती क्योंकि सभी खिलाड़ी बीसीसीआई से पंजीकृत हैं।"

अधिकारी ने कहा, "बीच सत्र में सीओए द्वारा योग्यता के नियमों में बदलाव एक और अलग मुद्दा है। पुडुचेरी के मामले में जहां बीसीसीआई ने कई बाहरी खिलाड़ियों को मंजूरी दी थी और नियमों को तोड़ा मरोड़ा गया था। उन्हें बाद में प्रतिबंधित कर दिया गया। जो हैरानी वाली बात थी वो यह थी कि क्यों पुडुचेरी अधिकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई? इसकी पुलिस से जांच करवानी चाहिए थी। क्यों कुछ लोगों को सीओए और बीसीसीआई के कर्मचारियों द्वारा लाभ दिया गया।"

उन्होंने कहा, "इस मामले में कुछ लोग पुडुचेरी के साथ खड़े थे। इस बात की पुलिस द्वारा जांच होनी चाहिए। अब चंडीगढ़ के मामले में भी कुछ चीजों को दोहराया जा रहा है और सीओए कुछ लोगों को फायदा पहुंचा रही है।"

ऐसी खबरें हैं कि दिल्ली के कुल 11 क्रिकेट खिलाड़ियों ने दो प्रशिक्षकों को 80 लाख से एक करोड़ रुपये इसलिए दिए क्योंकि उनसे रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल करने का वादा किया गया था। यह रिश्वत करोल बाग में एक जूते की दुकान में दी गई। इस दुकान का ताल्लुक नागालैंड क्रिकेट संघ के एक अधिकारी से है।

जब पुडुचेरी का मामला सामने आया था तब बीसीसीआई के क्रिकेट संचालन के महाप्रबंधक सबा करीम ने कहा था, "बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई के मुखिया अजित सिंह ने हमें खिलाड़ियों के ट्रांसफर के मुद्दे के बारे में बता दिया है। अगर किसी टीम या खिलाड़ी को गलत तरीकों का इस्तेमाल करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

वहीं, सीओए के मुखिया विनोद राय ने कहा था, "हम ने एसीयू ईकाई को मजबूत करने पर विचार किया है। हर जोन के पास एक एसीयू अधिकारी होगा।"
 

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