मुझे अधिक आक्रामक होने की जरूरत : धोनी

Updated: Sat, Jan 10 2015 00:05 IST

मुम्बई, 22 जून (हि.स.)। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कहना है कि इंग्लैंड की मजबूत टीम के खिलाफ नौ जुलाई से ट्रेंटब्रिज, नाटिंघम में शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की क्रिकेट श्रृंखला के दौरान मौका मिलते ही मैच पर अपनी पकड़ मजबूत करना और आखिर तक उसे बनाये रखना महत्वपूर्ण होगा। धोनी ने इंग्लैंड रवाना होने से पहले कल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारे लिये इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की 2011 की श्रृंखलाएं निराशाजनक रही लेकिन जब हम दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड गये तो हम वास्तव में मैचों का अनुकूल समापन नहीं कर पाये। हमारे गेंदबाजों ने अच्छा प्रयास किया लेकिन विरोधी टीम की बेहतरीन बल्लेबाजी से हम जीत हासिल नहीं कर सके। जब हम 50–50 की स्थिति में हों तो हमें उसका फायदा उठाना चाहिए।’’

भारतीय कप्तान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में पहले टेस्ट मैच और न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में श्रृंखला के आखिरी मैच का जिक्र कर रहे थे। भारत की 18 सदस्यीय टीम आज तड़के इंग्लैंड के लिये रवाना हो गई। धोनी ने कहा कि भारत कैसी भी स्थिति में रहे उन्होंने अपना आक्रामक खेल ही खेलने का फैसला किया है क्योंकि अंतिम एकादश में सात बल्लेबाज होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक मेरी बल्लेबाजी का सवाल है तो मुझे अधिक आक्रामक होने की जरूरत है। जब मैं आक्रामक होकर खेलता हूं तो मैं बेहतर प्रदर्शन करता हूं। मैं पहली गेंद से अपने शाट खेलने का इरादा रखता हूं।’’

धोनी ने कहा, ‘‘मैं अपनी प्रवृति के हिसाब से खेलूंगा। जब आप छह या सात बल्लेबाजों के साथ खेल रहे हों तब मेरे लिये स्थिति के बारे में अधिक सोचने के बजाय अपने मजबूत पक्ष के साथ खेलना महत्वपूर्ण है। मेरे लिये क्रीज पर समय बिताने के बजाय अपने स्ट्रोक खेलना और रन बनाना अधिक महत्वपूर्ण है।’’ भारतीय कप्तान ने कहा कि यह अच्छा है कि टीम जल्दी इंग्लैंड जा रही क्योंकि इससे टीम को दो अभ्यास मैचों और फिर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला से पहले परिस्थितियों से तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी। भारत पांच दशक बाद इंग्लैंड से उसकी सरजमीं पर पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ खिलाड़ियों का यह इंग्लैंड का पहला दौरा है लेकिन उन्हें दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड में खेलने का अनुभव है और वे कुछ मैच खेल चुके हैं। यह अच्छा है कि हम जल्दी जा रहे हैं और इससे हम वहां की परिस्थितियों से वाकिफ हो जाएंगे। यह लंबी श्रृंखला है और हम पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने के आदी नहीं है। कुल मिलाकर स्थिति अच्छी है। हमारे पास तैयारी के लिये काफी समय है।’’ कोच डंकन फ्लैचर ने कहा कि इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में 2011–12 में करारी शिकस्त के बावजूद यह युवा टीम है और वह उन पराजयों के दबाव में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया से हारना निराशाजनक था लेकिन यह युवा टीम है और अच्छी बात यह है कि इस पर उन हार का दबाव नहीं है। इस टीम ने दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में कुछ अच्छी क्रिकेट खेली। कुल मिलाकर यह अच्छी टीम है।’’ फ्लैचर ने कहा कि इंग्लैंड की टीम भी पुनर्गठन के दौर से गुजर रही है लेकिन उसके पास एलिस्टेयर कुक और इयान बेल के रूप में अच्छे बल्लेबाज हैं।

धोनी ने कहा कि यह अच्छा है कि टीम में 18 खिलाड़ी है क्योंकि पिछले दौरे में कई खिलाड़ी चोटिल हो गये थे और नये खिलाड़ियों को बुलाना पड़ा था। उन्होंने कहा, ‘‘2011 में टेस्ट और वनडे में हमारे 8–9 खिलाड़ी चोटिल हो गये थे। एक तेज गेंदबाज जहीर खान चोटिल हो गया जिससे अन्य खिलाड़ियों पर दबाव पड़ा। पिछली बार हमने चोटों की वजह से कुछ खिलाड़ी गंवाये और हमें ऐसे खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा जो परिस्थितियों से वाकिफ नहीं थे।’’ धोनी इसके साथ ही चाहते हैं कि टीम ओवर दर बनाये रखे। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप भारत से बाहर चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलते हैं तो आप पर प्रतिबंध लग सकता है। इसलिए मैं ओवर दर बरकरार रखने पर भी ध्यान दूंगा। हमें इसके लिये रणनीति बनाकर उसके हिसाब से गेंदबाजी करनी होगी। यदि आप काफी ओवर पीछे हैं तो ओवर दर कायम रखने के लिये स्पिनरों का सहारा लेना पड़ता है जबकि तब वास्तव में आप तेज गेंदबाजों को लगाना चाहते हो।’’ इंग्लैंड का दौरा 26 जून से लीस्टरशर में तीन दिवसीय मैच से शुरू होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द

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