कोहली,धोनी और धवन की बदौलत टीम इंडिया ने तीसरे वनडे में इंग्लैंड को दिया 257 रनों का टारगेट
17 जुलाई,(CRICKETNMORE)। इंग्लैंड की कसी हुई गेंदबाजी के बाद भी भारतीय टीम मंगलवार को यहां हेडिंग्ले मैदान पर खेले जा रहे तीसरे और आखिरी वनडे मैच में 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 256 रन ही बना सका। इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने तीन वनडे मैचों की सीरीज के इस निर्णायक मैच में टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया। उनके गेंदबाजों ने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और भारतीय बल्लेबाजों को खुलकर नहीं खेलने दिया।
भारत के लिए इस अहम मैच में सिर्फ कप्तान कोहली ही अपने बल्ले को चमका सके। उन्होंने 72 गेंदों में आठ चौकों की मदद से 71 रनों की पारी खेली। शिखर धवन (44) और महेंद्र सिंह धोनी (42) ने उपयोगी पारियां खेलीं लेकिन अंत में भुवनेश्वर कुमार (21) और शार्दूल ठाकुर (नाबाद 22) के बीच अंत में आठवें विकेट के लिए हुई 35 रनों की साझेदारी भारत को सम्मानजनक स्कोर प्रदान करने में सफल रही।
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कोहली ने सलामी बल्लेबाज धवन के साथ दूसरे विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी की। धवन को इस मैच में अपने सलामी जोड़ीदार रोहित शर्मा (2) का साथ नहीं मिल सका जो छठे ओवर की चौथी गेंद पर डेविड विले की गेंद पर आउट हो गए। शुरुआत में रोहित और धवन दोनों मार्क वुड और विले की स्विंग लेती गेंदों पर संघर्ष कर रहे थे। नतीजन रनगति काफी धीमी थी।
धवन को जब कोहली का साथ मिला तो रनगति पटरी पर आनी शुरू हुई। हालांकि यह जोड़ी टीम के बड़े स्कोर की नींव रख पाती तभी बेन स्टोक्स ने धवन को रन आउट कर इस साझेदारी को तोड़ दिया। धवन 84 के कुल स्कोर पर आउट हुए।
कोहली ने इस मैच में लोकेश राहुल के स्थान पर दिनेश कार्तिक को टीम में जगह दी। कार्तिक ने शुरुआत तो अच्छी की, लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल सके। 22 गेंदों में 21 रन बनाने वाले कार्तिक 125 के कुल स्कोर पर लेग स्पिनर आदिल राशिद की गेंद पर बोल्ड हो गए।
राशिद ने ही 156 के कुल स्कोर पर कोहली को बोल्ड कर भारत को बड़ा झटका दिया। अब जिम्मेदारी टीम के दो सबसे अनुभवी बल्लेबाजों और ऐसी विषण परिस्थतियो में कई बार टीम को बाहर निकालने वाले सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोन पर थी। रैना विफल रहे और रन ही बना कर राशिद का तीसरा शिकार बने।
दूसरे छोर पर धोनी थे उन्हें साथ की जरूरत थी। हार्दिक पांड्या ने उम्मीद जगाई लेकिन वुड के बेहतरीन गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर विकेट के पीछे जोस बटलर के हाथों में जा समाई। वह 21 गेंदों में 21 रन ही बना सके जिसमें दो चौके शामिल थे।
पांड्या के बाद धोनी विले का शिकार होकर पवेलियन लौट लिए। अर्धशतक से आठ रन दूर रहने वाले पूर्व कप्तान ने 66 गेंदों की पारी में चार चौके लगाए।
अंत में भुवनेश्वर और ठाकुर ने टीम को बचाया। भुवनेश्वर आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर विले का शिकार बने।