मोहाली, 22 अक्टूबर | दिल्ली में खेले गए दूसरे मैच में आखिरी पलों में मिली हार के बाद भारतीय टीम मोहाली में तीसरे एकदिवसीय मैच में न्यूजीलैंड को मात दे कर बढ़त हासिल करना चाहेगी। दोनों टीमें रविवार को अब तीसरे मैच के लिए पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) के आईएस बिंद्रा स्टेडियम में आमने सामने होंगी।
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टेस्ट सीरीज में बुरी तरह पिटने और पहले वनडे में खराब प्रदर्शन के बाद किवी टीम ने दूसरा वनडे मैच जीत सीरीज 1-1 से बराबर कर ली है। ऐसे में मोहाली में दोनों टीमों की कोशिश जीत के साथ बढ़त हासिल करने की होगी।
धर्मशाला में हुए पहले वनडे मैच में भारत को जीत मिली थी और दूसरे मैच में भी उम्मीद थी कि वह जीत हासिल कर लेगी। लेकिन मेजबानों ने कुछ गलतियां कीं जिनके कारण उसे हार झेलनी पड़ी। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने भी मैच के बाद कहा था कि टीम के बल्लेबाज महत्वपूर्ण साझेदारियां नहीं कर सके जिसके कारण उन्हें हार मिली।
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उम्मीद है कि मेजबान टीम पिछले मैच की गलतियों से सबक लेकर मैदान पर उतरेगी और फिर वही गलतियां दोहराने से बचेगी।
दोनों मैचों में भारत की सलामी जोड़ी ने निराश किया है। रोहित बल्ले से रन नहीं बना पाए हैं। वहीं इस श्रृंखला में सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी निभा रहे अजिंक्य रहाणे भी अच्छी शुरुआत को अपने पक्ष में नहीं बदल पाए हैं।
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पहले मैच में विराट कोहली ने मोर्चा संभालते हुए बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेली थी। हालांकि दूसरे मैच में यह स्टार बल्लेबाज नाकाम रहा जिसके बाद पूरी टीम बिखर गई।
विराट भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ की हड्डी बन चुके हैं, लेकिन टीम के हित के लिए यह अच्छी बात नहीं है। बाकी बल्लेबाजों को भी बल्ले से रन बनाने होंगे। धौनी ने दिल्ली में हुए मैच के बाद कहा भी था कि रन बनाना हर बल्लेबाज की जिम्मेदारी है।
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सुरेश रैना की गैरमौजूदगी में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आ रहे मनीष पांडे के पास टीम में अपनी जगह पक्की करने का यह अच्छा मौका है। लेकिन पिछले दो मैचों में वह नाकाम रहे हैं।
निचले क्रम में धौनी खुद फिनिशर की उस भूमिका में नहीं दिखे हैं जिसके लिए वह विख्यात हैं। यह टीम के लिए बड़ी चिंता का सबब है। केदार जाधव और पहले मैच के हीरो रहे हार्दिक पांड्या ने पिछले मैच में बल्ले से जरूरी योगदान दिया था। टीम प्रबंधन इन दोनों से प्रदर्शन में निरंतरता की उम्मीद करेगा। इन दोनों ने गेंद से भी बेहतरीन योगदान दिया है।
वहीं भारत की गेंदबाजी दोनों मैचों में उच्च स्तरीय साबित हुई है। नई गेंद से उमेश यादव और पांड्या सफल रहे हैं, हालांकि पहले मैच में तीन विकेट लेने वाले पांड्या को दूसरे मैच में विकेट नहीं मिला था।
जसप्रीत बुमराह ने जब से टीम में कदम रखा है वह अंतिम ओवरों के विशेषज्ञ बन गए हैं। पिछले मैच में किवी टीम के आखिरी तीन विकेट लेकर बुमराह ने उन्हें बड़े लक्ष्य से रोका था।
स्पिन की जिम्मेदारी अनुभवी अमित मिश्रा पर है। दिल्ली में उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की थी। धौनी को एक बार फिर उनसे मध्य के ओवरों में विकटों की उम्मीद होगी। दूसरे एकदिवसीय में किवी बल्लेबाजों ने शुरुआत में भारतीय गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसाया था लेकिन मेजबानों ने शानदार वापसी की थी।
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भारतीय गेंदबाजों की दोनों मैचों में सबसे अच्छी बात यह रही है कि उन्होंने ज्यादा रन नहीं खर्चे हैं। वहीं दूसरे मैच को जीत कर किवी टीम का आत्मविश्वास निश्चित ही ऊंचा होगा। उसकी निगाहें भी बढ़त हासिल करने पर होंगी। लेकिन उसके लिए यह काम आसान नहीं है।
दूसरा वनडे जीतने के बाद भी किवी टीम बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है। उनकी सबसे बड़ी चिंता बल्लेबाजी है। सलामी बल्लेबाज टॉम लाथम और कप्तान केन विलियमसन के अलावा अन्य कोई बल्लेबाज रन नहीं कर सका है। गेंदबाजी में उसे जरूर थोड़ी राहत मिली है। टिम साउदी और ट्रेंट बाउल्ट की आगुआई में गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा है।
मोहाली का मैदान भारत के लिए अब तक अच्छा साबित हुआ है। भारत ने इस मैदान पर अपना आखिरी मैच 19 अक्टबूर 2013 को आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था, हालांकि भारत को इस मैच में हार मिली थी। लेकिन मैदान का इतिहास भारत के पक्ष में रहा है। भारत ने यहां कुल 13 मैच खेले हैं जिनमें से उसे आठ में जीत मिली है।
टीमें (संभावित) :
भारत: महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान-विकेटकीपर), रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल, जयंत यादव, अमित मिश्रा, जसप्रीत बुमराह, धवल कुलकर्णी, उमेश यादव, मनदीप सिंह, केदार जाधव और सुरेश रैना।
न्यूजीलैंड : केन विलियमसन (कप्तान), कोरी एंडरसन, ट्रेंट बाउल्ट, डग ब्रेसवेल, एंटन डेविक, मार्टिन गुप्टिल, मैट हेनरी, टॉम लाथम, जिम्मी नीशम, ल्यूक रोंची (विकेटकीपर), मिशेल सैंटनर, ईश सोढ़ी, टिम साउदी, रॉस टेलर और बी.जे. वॉटलिंग (विकेटकीपर)।