क्या अब भी टेस्ट टीम में वापसी कर सकते हैं करुण नायर? कोच ने अभी भी नहीं छोड़ी है आस
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार (25 सितंबर) को वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली दो टेस्ट मैच की सीरीज के लिए टीम इंडिया की घोषणा कर दी। इस टीम में कुछ नए खिलाड़ियों को तो मौका मिला लेकिन सीनियर खिलाड़ी करुण नायर को इंग्लैंड सीरीज के बाद इस सीरीज से बाहर कर दिया गया।
नायर ने खुद बताया कि उनके पास शब्द नहीं हैं कि वो इस समय कैसा महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें घरेलू सीरीज के लिए चुना जाएगा। नायर के नाराजगी जाहिर करने के बाद उनके बचपन के कोच विजय मद्यालकर ने कहा है कि वो एक और मौके के हकदार थे क्योंकि घरेलू परिस्थितियों में नायर के पास सफल होने के ज्यादा मौके होते।
मद्यालकर ने इंडिया टुडे को बताया, "मुझे उनके लिए बहुत बुरा लगा। वो एक और मौके के हक़दार थे। लेकिन, फिर से, ये चयनकर्ताओं का फ़ैसला है। वो अलग तरह से सोचते हैं। उन्हें इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों में मौका मिला। उन परिस्थितियों में, जो कोई भी सर्वश्रेष्ठ कर सकता है, उन्होंने किया। उन्होंने अपनी वापसी से पहले भारत में इतने रन बनाए। मुझे लगता है कि उन्हें भारत में मौका देना चाहिए था। फ़िलहाल, वो भारतीय परिस्थितियों के लिए सबसे उपयुक्त हैं। इंग्लैंड में, बल्लेबाज़ी के लिए परिस्थितियां हमेशा आसान नहीं होतीं।"
विजय मद्यालकर ने आगे बोलते हुए कहा, "वो वहां खेलने में सहज थे। उन्होंने इंग्लैंड काउंटी लीग में दो सीज़न खेले थे। बस एक बड़ी बात ये थी कि कोई बड़ा शतक नहीं लगा पाए। लेकिन, उन्होंने पूरी सीरीज़ में महत्वपूर्ण साझेदारियां निभाईं। अब उसमें और ज़्यादा भूख होगी। जब आप हर सीज़न में उतार-चढ़ाव से गुज़रते हैं, तो एक क्रिकेटर के तौर पर आप काफ़ी परिपक्व होते हैं। इसलिए, उसके लिए अच्छी तैयारी करना और उस भूख को दिखाना आसान हो जाता है। वो और भी मज़बूत होता जाएगा। उसमें ये क्षमता है। वो फिर से खेलने के लिए बेताब है।"
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उनके बचपन के कोच मानना है कि अभी भी उनके लिए दरवाजा बंद नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, "दरवाज़ा बंद नहीं हुआ है। रणजी ट्रॉफी सीज़न आ रहा है। आपके पास बहुत सारे मैच हैं। ये उसके लिए खुला है। अगर वो घरेलू लीग में अच्छा प्रदर्शन जारी रखता है, तो आगे बढ़ने का रास्ता ज़रूर है।"