शुभमन गिल पर भड़के मनोज तिवारी, बोले- 'विराट कोहली को कॉपी क्यों कर रहे हो?'

Updated: Tue, Jul 22 2025 11:21 IST
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पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी तीसरे टेस्ट में शुभमन गिल के प्रदर्शन से काफी नाखुश दिखे और उन्होंने शुभमन की कड़े शब्दों में आलोचना भी की है।इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय कप्तान शुभमन गिल काफी आक्रामक दिखे और वो इंग्लिश खिलाड़ियों को काफी स्लेज भी करते दिखे। ये नजारा देखकर कुछ फैंस और क्रिकेट पंडितों को लगा कि शुभमन ने उस मैच में विराट कोहली की नकल करने की कोशिश की और मनोज तिवारी भी उन्हीं में से एक हैं।

तिवारी ने कहा कि गिल विराट कोहली के अंदाज़ की नकल करने की कोशिश कर रहे थे, जिसका उनकी बल्लेबाजी पर अप्रत्यक्ष असर पड़ा। उन्होंने गिल से अपील करते हुए कहा कि वो आक्रामक रहें और दूसरे खिलाड़ियों पर कोई प्रतिक्रिया न दें, क्योंकि इससे उनकी ऊर्जा खत्म हो जाएगी। स्पोर्ट्सबूम के हवाले से तिवारी ने कहा, "मुझे कप्तान गिल का तरीका पसंद नहीं आ रहा है। मुझे लगता है कि वो पिछली बार विराट की नकल करने की कोशिश कर रहे हैं। और नतीजतन, इससे उनकी बल्लेबाजी को कोई फायदा नहीं हो रहा है। जब से वो आईपीएल में कप्तान बने हैं, मैंने देखा है कि वो आक्रामक मानसिकता अपना रहे हैं और अंपायरों से खूब बातें कर रहे हैं। ये गिल जैसा नहीं था। उन्हें उस तरह की आक्रामकता दिखाने की ज़रूरत नहीं है और न ही उन्हें कुछ साबित करने की ज़रूरत है।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे पता है कि एक कप्तान को आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहिए, लेकिन इतनी आक्रामकता ज़रूरी नहीं है। इससे आपकी ऊर्जा खत्म हो जाती है। वो अपनी आक्रामक शैली पर कायम रह सकता है। इसका मतलब ये नहीं कि आपको हमेशा ज़बानी जवाब देना होगा। टेस्ट मैच जीतकर भी आक्रामकता दिखाई जा सकती है। भारत आसानी से सीरीज़ में 2-1 से आगे हो सकता था। इस तरह की आक्रामकता खेल के लिए अच्छी नहीं है, खासकर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के लिए।"

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अपनी बात को खत्म करते हुए उन्होंने कहा, "मैं उस भाषा और शब्दों से खुश नहीं हूं जो स्टंप के पास होने पर ऑडियो में आ रहे हैं। आप भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मुझे लगता है कि ये एक चलन बन गया है, क्योंकि पिछले कप्तानों ने शायद अपना गुस्सा ज़ाहिर करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया होगा, लेकिन इस पर नियंत्रण रखने की ज़रूरत है। अगर आप गाली-गलौज का इस्तेमाल करेंगे, तो अगली पीढ़ी उसे सीख लेगी।"

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