WATCH: IND A vs PAK A मैच में जमकर हुआ बवाल, नमन धीर के कैच को रद्द करने पर भड़की टीम इंडिया: जानें क्या है नियम?

Updated: Mon, Nov 17 2025 10:55 IST
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16 नवंबर को एशिया कप राइजिंग स्टार्स टूर्नामेंट में भारत ए बनाम पाकिस्तान ए मैच में नया बवाल देखने को मिला। इस मैच में नेहाल वढेरा और नमन धीर का एक रिले कैच देखने लायक था, लेकिन अंततः तीसरे अंपायर ने उसे नॉट आउट करार देकर भारतीय टीम के होश उड़ा दिए। अंपयार के इस फैसले ने भारतीय खिलाड़ियों को चौंका दिया और फैंस को भी भ्रमित कर दिया जिसके बाद हर कोई नियमों के बारे में पढ़ने लगा।

पहली बल्लेबाजी करते हुए इस मैच में भारत की बल्लेबाजी फ्लॉप रही और पूरी टीम सिर्फ़ 136 रनों पर ऑलआउट हो गई। 137 रनों का बचाव कर रही भारत ए को पाकिस्तान ए के सलामी बल्लेबाज़ माज़ सदाक़त ने शुरू से ही दबाव में रखा और 31 गेंदों में अर्धशतक जड़कर अपनी टीम को मैच में काफी आगे कर दिया। हालांकि, भारत के पास उनका विकेट लेने का मौका 10वें ओवर में आया लेकिन अंपायर ने इसे नॉटआउट देकर हर किसी के होश उड़ा दिए।

दरअसल, हुआ ये कि सदाकत ने छक्का लगाने के लिए एक हवाई शॉट खेला लेकिन नेहाल वढेरा ने बाउंड्री पर शानदार रिफ्लेक्स दिखाते हुए बाउंड्री के पार जाने से पहले गेंद को बाउंड्री के अंदर खड़े नमन धीर के हाथों में फेंक दिया और भारतीय टीम ने विकेट का जश्न मनाना शुरू कर दिया। ये पहली नजर में एक सामान्य रिले कैच जैसा लग रहा था और माज़ सदाकत पहले ही खुद को आउट मानकर पवेलियन की ओर चल पड़े थे।

हालांकि, मैदानी अंपायरों ने उन्हें इंतज़ार करने को कहा। कुछ सेकंड बाद, स्क्रीन पर "नॉट आउट" का संदेश आया, जिससे भारतीय खिलाड़ी चौंक गए। कप्तान जितेश शर्मा तुरंत मैच अधिकारियों के पास गए और ये सफाई मांगी की कि ये फैसला नियमों के अनुरूप कैसे है।

इस फैसले को पलटने के पीछे क्या नियम था?

इसका जवाब जून 2025 में एमसीसी द्वारा घोषित बाउंड्री फील्डिंग नियम में एक बड़े बदलाव में निहित है। नियम 19.5.2 में संशोधन का उद्देश्य हवा में रिले के प्रयासों को लेकर भ्रम को दूर करना और खेल के मैदान के बाहर कई बार टच करने वाले कैच को सीमित करना था।

नियमों में बड़ा बदलाव

पिछले नियम के तहत, केवल पहले फील्डर की स्थिति और ग्राउंडिंग ही मायने रखती थी। इससे बाउंड्री के बाहर कई बार एयरबोर्न रिले टच की अनुमति मिलती थी। नए नियम में ग्राउंडिंग की आवश्यकता गेंद को छूने वाले सभी लोगों पर लागू होती है। इसका अर्थ है कि एक फील्डर बाउंड्री के बाहर हवा में रहते हुए गेंद को एक बार छू सकता है। लेकिन उस स्पर्श के बाद, उसे मैदान के अंदर उतरना होगा और तब तक अंदर रहना होगा जब तक गेंद डेड न हो जाए। यदि वो उसी खेल में किसी भी समय फिर से बाहर उतरते हैं, तो गेंद को बाउंड्री के पार पहुंच गया माना जाता है।

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वहीं, नेहाल वढेरा और नमन धीर के कैच मामले में जब उन्होंने पहली बार गेंद को छुआ था, तब वो बाउंड्री के बाहर हवा में थे। गेंद को वापस फेंकने के बाद, वो बाउंड्री के बाहर उतरे, अंदर नहीं। उप-धारा 19.5.2.1 के अनुसार, जिस क्षण कोई फील्डर रस्सी के बाहर हवा में रहते हुए गेंद को छूता है और फिर से बाहर ग्राउंड करता है, गेंद को स्वतः ही "बाउंड्री के बाहर ग्राउंडेड" माना जाता है। इसलिए, भले ही नमन धीर ने मैदान के अंदर कैच आसानी से पूरा किया, लेकिन जैसे ही वढेरा ने हवा में गेंद को डिफ्लेक्ट करके रस्सी के पार ज़मीन पर छुआ, गेंद को बाउंड्री मान लिया गया। इसलिए, नए नियम के तहत तीसरे अंपायर का नॉट आउट का फैसला सही था।

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