फिलिप ह्यूज की रूह अब क्रिकेट का अहम हिस्सा बन चुकी है : माइकल क्लार्क

Updated: Tue, Feb 10 2015 03:25 IST

मैक्सविले/नई दिल्ली, 02 दिसम्बर (हि.स.) । फिलिप ह्यूज के गृहनगर मैक्सविले में आज उनके अंतिम संस्कार पर हजारों क्रिकेट प्रेमियों व क्रिकेट दिग्गजों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दौरान मैक्सविले हाइ स्कूल (जहां ह्यूज ने पढ़ाई की) के एसेम्बली हॉल में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क अपने भाषण के दौरान भावुक हो उठे।

क्लार्क के शब्दों ने वहां मौजूद सभी लोगों को और भावुक कर दिया। क्लार्क ने कहा, 'मुझे आप लोगों के बारे में पता नहीं लेकिन मैं अब भी उसे (ह्यूज) ढूंढता रहता हूं। मुझे पता है कि ये अजीब है लेकिन मैं उसके फोन का इंतजार करता रहता हूं या फिर कहीं उसका चेहरा नजर आ जाए। क्या इसी को हम आत्मा कहते हैं? अगर हां, तो वो अब भी मेरे करीब है और मैं चाहता हूं कि वो हमेशा ऐसे ही करीब रहे।

क्लार्क ने कहा गुरुवार रात मैं सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (जहां ह्यूज को जानलेवा बाउंसर पर चोट लगी थी) पर गया। मेरे कदम उसी घास पर थे जिन पर मैंने व तमाम मेरे साथी खिलाड़ियों ने उसके साथ कई यादगार साझेदारियों व शानदार लम्हों को साथ जिया। वो हमेशा लोगों को करीब लाना चाहता था और वो हमेशा क्रिकेट के खेल व उससे जुड़े लोगों के लिए जश्न मनाना चाहता था। क्रिकेट की ताकत इसी से बयां हो जाती है कि जो लोग ह्यूज से वाकिफ भी नहीं थे उन्होंने भी अपने बल्ले बाहर रखकर या फिर दिल से ह्यूज को श्रद्धांजलि दी। ये दुनिया के हर क्रिकेट देश को करीब ले आया।' क्लार्क ने कहा, 'फिलिप की रूह जो कि अब खेल का अहम हिस्सा बन चुकी है, वो इस खेल की हमेशा रक्षा करेगी। हमे उसको सुनना चाहिए। हमे उससे सीखना होगा। हमे खेलते रहना होगा। रेस्ट इन पीस मेरे छोटे भाई। मैं तुमसे मैदान पर मिलूंगा।'

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/गोविन्द

 

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