टेस्ट में 10 विकेट, MOM का अवॉर्ड और उसके बाद टीम इंडिया से ऐसे बाहर किए कि अपना अगला इंटरनेशनल मैच खेलने को तरस गए

Updated: Tue, Oct 14 2025 08:20 IST
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बीसीसीआई की सीनियर सेलेक्शन कमेटी में आए नए मेंबर में से एक पूर्व क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) हैं। भारत के लिए 24 टेस्ट, 18 वनडे और 6 टी20 खेले और तीनों फॉर्मेट में कुल 144 विकेट लिए। इससे पहले आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में भी रहे हैं। 

हाल के दिनों में न तो वे और न ही उनका क्रिकेट करियर ज़्यादा चर्चा में थे हालांकि उनके करियर से कई अजीब बातें और खासियत जुड़ी हैं। एक खब्बू स्पिनर जो अनिल कुंबले की विदाई और आर अश्विन एवं रवींद्र जडेजा के चमकने के बीच की कड़ी थे। इतने बेहतर कि 2012 में अपना 17वां टेस्ट खेलने तक, आईसीसी की टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में टॉप 5 में थे।

अपना आखिरी टेस्ट 2013 में खेला। यही सचिन तेंदुलकर का आख़िरी टेस्ट था-  मुंबई में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध। प्रज्ञान ओझा इसमें 'मैन ऑफ़ द मैच' थे पर सचिन के फेयरवैल के शोर और उससे बने माहौल में उनका अवार्ड जीतने वाला प्रदर्शन भी फीका पड़ गया। उनके दोनों पारी में क्रमशः 40 और 49 रन देकर 5-5 विकेट लेने को कोई ख़ास चर्चा मिली ही नहीं।

इसके बाद प्रज्ञान ओझा कोई और टेस्ट नहीं खेले। ऐसा नहीं है कि सचिन की तरह वे भी रिटायर हो रहे थे। उन्हें तो इस शानदार प्रदर्शन के बाद फिर कभी टेस्ट प्लेइंग इलेवन में नहीं चुना। अपने आख़िरी खेले गए टेस्ट में, सिर्फ 12 गेंदबाज ने 10 या ज्यादा विकेट लिए हैं: एसएफ बार्न्स इंग्लैंड 14-144, जेजे फेरिस इंग्लैंड 13-91, सीवी ग्रिमेट ऑस्ट्रेलिया 13-173, सीएस मैरियट इंग्लैंड 11-96, राशिद खान अफगानिस्तान 11-160, एवाई पटेल न्यूजीलैंड 11-160, प्रज्ञान ओझा भारत 10-89, सी बेलीथ इंग्लैंड 10-104, नौमान अली पाकिस्तान 10-121, एचवी होर्डर्न ऑस्ट्रेलिया 10-161, टी रिचर्डसन इंग्लैंड 10-204 और एआर कैडिक इंग्लैंड 10-215।

अजीब तेंदुलकर-ओझा कनेक्शन: प्रज्ञान ओझा को नवंबर 2009 में तेंदुलकर ने टेस्ट कैप दी। वे तेंदुलकर के आख़िरी टेस्ट में खेले। 2013 में मुंबई इंडियंस ने आईपीएल जीता तो टीम में ये दोनों थे। इसका फाइनल, तेंदुलकर का आखिरी आईपीएल मैच था; इसी तरह दोनों मुंबई इंडियंस की 2013 चैंपियंस लीग टी20 (CLT20) विजेता टीम में थे और फाइनल, तेंदुलकर का मुंबई इंडियंस के लिए आखिरी मैच था।

उस 'टेस्ट' के बाद प्रज्ञान ओझा को किसी और इंटरनेशनल मैच के लिए न चुनने के पीछे कई तरह की स्टोरी चर्चा में रहीं और इनमें से आम तौर पर इस फैक्ट को ही माना गया कि उनके बॉलिंग एक्शन पर संदेह था। ये 2014 की बात है और नौबत ये आ गई कि ICC ने गेंदबाजी से भी रोक दिया। सुनील गावस्कर ने इस बैन को सपोर्ट किया पर उम्मीद की कि ये उनके अपने एक्शन पर काम करने और उसे सुधारने का बड़ा अच्छा मौका होगा। उम्र उनके साथ थी और अपने एक्शन में सुधार कर सकते थे। 22 दिन के भीतर प्रज्ञान ओझा ने अपने एक्शन में सुधार कर लिया, बैन भी हट गया, लेकिन वह पहले जैसे गेंदबाज़ न रहे और इस तरह टीम से बाहर हो गए।

प्रज्ञान ओझा कहते हैं, 'मैंने इंतज़ार किया, लेकिन धीरे-धीरे मुझे समझ आ गया कि मैं बहुत पीछे रह गया हूं और अब आगे बढ़ने का समय है। मैं और क्या उम्मीद कर सकता हूं? मैं अपने देश के लिए खेला; मेरे नाम 100 टेस्ट विकेट हैं- अपने देश के किसी भी खब्बू स्पिनर के लिए सबसे तेज़। किसी को दोष देने और बुरा-भला कहने से मुश्किल नहीं सुलझती। सब ठीक था पर कुछ ऐसा हो गया जो नहीं होना चाहिए था।'

प्रज्ञान ओझा का नाम एक और दिग्गज के आखिरी टेस्ट मैच से जुड़ा है। मुथैया मुरलीधरन को 2010 में गॉल में अपने आखिरी टेस्ट मैच में 800 विकेट पूरे करने के लिए 8 विकेट की ज़रूरत थी। ऐसे में प्रज्ञान ओझा ने दोनों पारियों में उनकी 'मदद' की। दूसरी पारी में तो वे आख़िरी बल्लेबाज थे और मुरली को न सिर्फ 800वां विकेट दिया, टेस्ट क्रिकेट में अपनी आखिरी गेंद पर विकेट लेने का अनोखा रिकॉर्ड भी दे दिया।

प्रज्ञान ओझा के बारे में कुछ और मजेदार फैक्ट:

* आईपीएल में उनके नाम एक अनोखा रिकॉर्ड: दो टीम के लिए खेले और दोनों की ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे- 2009 में डेक्कन चार्जर्स और 2013 एवं  2015 में मुंबई इंडियंस के साथ।

* जानवरों से प्रेम के लिए मशहूर और PETA के एक्टिव मेंबर हैं। उनके लिए तो एक एड में पिंजरे में बंद शेर के रोल में दिखाए थे।

* उनका अंधविश्वास: मैच से पहले हमेशा अपने परिवार को फोन करते थे। टीम बस में चढ़ते ही पहले अपनी मां, फिर पिताजी को फ़ोन, अगर दोनों साथ बैठे हों तब भी उन्हें अलग-अलग फ़ोन। इसके बाद उन अंकल को फ़ोन, जो खुद एक क्रिकेटर थे और उनके लिए पहली बड़ी प्रेरणा। 

* टी20 इंटरनेशनल में अपनी पहली ही गेंद पर विकेट लिया- 2009 में नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में शाकिब अल हसन को आउट किया।

* उन गिने-चुने खिलाड़ियों में से एक जिनके टेस्ट रिकॉर्ड में बनाए रन (89) से ज़्यादा लिए विकेट (113) हैं।

* अपने सभी 24 टेस्ट एक ही महाद्वीप में खेले (भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में सभी 113 टेस्ट विकेट लिए) और जो अपना पूरा टेस्ट करियर एक ही महाद्वीप में खेले, उनमें ये एक रिकॉर्ड है।

* आईपीएल 3 में सबसे ज़्यादा विकेट लेने के लिए पर्पल कैप विनर।

* उन गिने-चुने क्रिकेटरों में से एक जिनकी पत्नी के पास डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री है। कराबी कैलाश को इस डिग्री के बाद विदेश में आगे की पढ़ाई करनी थी, लेकिन प्रज्ञान के साथ प्यार में ये इरादा छोड़ दिया। वे माइक्रोबायोलॉजी में पढ़ाई के लिए शिलांग से हैदराबाद आई थीं, जहां मुलाकात प्रज्ञान से हुई।

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चरनपाल सिंह सोबती
 

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