ऐसा क्या हुआ कि सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'ऐसा लगता है जैसे मेरा 10 किलो खून कम हो गया है'

Updated: Sun, Dec 21 2025 08:42 IST
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दिग्गज बॉलीवुड स्टार धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में, हाल ही में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी फिल्मों और बहुमुखी टेलेंट के बारे में इन दिनों बहुत कुछ लिखा गया है। उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने फिल्मों में एक विरासत छोड़ी, उनके फैंस देश से बाहर भी थे और गैर-फिल्मी दुनिया में भी वे बड़े लोकप्रिय थे। इन्हीं में खेल भी शामिल हैं। यही वजह है कि कई खिलाड़ियों ने भी उन्हें शानदार श्रद्धांजलि दी तथा भारतीय सिनेमा का एक ऐसा दिग्गज और आइकन बताया, जिसके काम ने आम लोगों पर एक कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी।

विराट कोहली ने कहा, 'आज, हमने भारतीय सिनेमा के एक ऐसे दिग्गज को खो दिया है, जिन्होंने अपने आकर्षण और टेलेंट से हर दिल को मोह लिया था। एक सच्चे आइकन, जिसने हर किसी को प्रेरित किया।'

सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'मैं भी, कई अन्य लोगों की तरह, धर्मेंद्र जी, अभिनेता का बड़ी जल्दी दीवाना हो गया। उनके ऑलराउंड टेलेंट ने हमारा खूब मनोरंजन किया। जब मैं उनसे मिला तो वह ऑन-स्क्रीन रिश्ता, ऑफ-स्क्रीन तथा और भी मजबूत हो गया। उनके अंदर की एनर्जी देखकर तो हैरानी होती थी। वह हमेशा मुझसे कहते थे, तुमको देखकर मेरा एक किलो खून बढ़ जाता है। उनकी सहज गर्मजोशी से उनके आसपास हर कोई खुद को बड़ा खास महसूस करता था। ऐसा लगता है जैसे मेरा 10 किलो खून कम हो गया है। आपकी बड़ी याद आएगी।'

कई पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी और एक ग्लोबल दिग्गज बताया। 'धर्मेंद्र जी एक महान हीरो थे, और शोले तो हमेशा एक ऑल-टाइम क्लासिक रहेगी। वह एक बड़ी ख़ास विरासत छोड़ गए हैं और पाकिस्तान में भी बड़े लोकप्रिय थे,' पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने कहा।

धर्मेंद्र खुद क्रिकेट के बहुत बड़े फैन थे और नियमित भारतीय क्रिकेट टीम को फॉलो करते थे। कई बार खिलाड़ियों के प्रदर्शन के लिए उनकी खूब तारीफ की। एक बार उन्होंने सोशल मीडिया पर सचिन तेंदुलकर के साथ फ्लाइट में हुई एक मुलाकात की तस्वीर शेयर की और कैप्शन दिया, 'देश के गौरव सचिन से आज अचानक हवाई जहाज में मुलाकात हो गई। सचिन जब भी मिला मुझे हमेशा मेरा प्यारा बेटा बनकर मिला... जीते रहो। लव यू, सचिन।'

टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने भी उन्हें याद किया और बताया कि धर्मेंद्र, उनके घर में सबसे पसंदीदा अभिनेता थे। उनकी पर्सनैलिटी जैसा कोई और नहीं था।

मोहम्मद सिराज भी उन्हें कभी नहीं भूलेंगे। 2021 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत पर, धर्मेंद्र ने इस भारतीय पेसर की दिल से तारीफ की, न सिर्फ़ उनकी शानदार गेंदबाजी, उनकी भावनात्मक मजबूती के लिए भी। आपको याद होगा कि इस टूर के दौरान सिराज के अब्बा की मौत हो गई थी पर सिराज घर नहीं लौटे, टीम के साथ रहे और अपने अब्बा के, उनके टेस्ट क्रिकेट खेलने के सपने को पूरा किया। सिराज ने सीरीज में 13 विकेट लिए और भारत को 2-1 से सीरीज जीतने में मदद की।

जब सिराज भारत लौटे, तो हैदराबाद एयरपोर्ट से सीधे खैरताबाद कब्रिस्तान गए और अपने अब्बा की कब्र पर श्रद्धांजलि दी। ये बात धर्मेंद्र को बड़ा भावुक कर गई और उन्होंने एक भावुक नोट लिखा, 'सिराज, भारत के बहादुर बेटे, लव यू... तुझ पर नाज़ है, दिल पर वालिद की मौत का सदमा लिए तुम वतन की आन के लिए मैच खेलते रहे... और एक अनहोनी जीत वतन के नाम दर्ज कर लौटे... कल तुझे अपने वालिद की कब्र पर देखकर मन भर आया।'

पीटी उषा, भारत की बड़ी एथलीट में से एक और देश की 'ट्रैक एंड फील्ड की क्वीन' के तौर पर मशहूर, ने कुल 23 मैडल जीते जिनमें से 14 गोल्ड थे। अब वे एक एमपी और इंडिया ओलंपिक एसोसिएशन की प्रेसीडेंट भी हैं। उन्होंने तो दिवंगत अभिनेता को श्रद्धांजलि देते हुए एक राज़ खोला और बताया कि जब वे 1986 में सियोल एशियाई खेलों में 4 गोल्ड और 1 सिल्वर जीत कर लौटी थीं तो इस बॉलीवुड दिग्गज ने उन्हें सराहना के तौर पर 50,000 रुपये का चैक भेजा था। आज के हिसाब से ये लगभग 4.26 लाख रुपये बनते हैं। सबसे ख़ास बात ये कि चैक चुपचाप भेजा, मीडिया को कोई खबर नहीं लगी, कोई पब्लिसिटी नहीं और न ही कभी भी इसका जिक्र किया। ये उनकी विनम्रता और खेल के प्रति सच्चे प्यार का संकेत नहीं तो और क्या है? पीटी उषा को अब इस बात का अफ़सोस है कि वे खुद कभी धर्मेंद्र से नहीं मिलीं, 'हम अपने-अपने शेड्यूल की वजह से कभी मिल नहीं पाए लेकिन कभी-कभी प्यार और स्नेह ही दिलों को 1000 मील दूर भी जोड़े रखने के लिए काफी होते हैं।'

दिग्गज फिल्म स्टार शर्मिला टैगोर ने उन्हें याद करते हुए लिखा, 'स्टारडम लोगों को इतना बड़ा बना देता है कि वे सभी को भूल जाते हैं। धर्मेंद्र, इसके उलट, इंसान बने रहे और इस से और भी बड़े बन गए।' इन दोनों ने साथ में कई फिल्म में काम किया। उनके पास भी एक क्रिकेट स्टोरी है।

ये उस भारत-वेस्टइंडीज कोलकाता टेस्ट की बात है जो 31 दिसंबर 1966 से 5 जनवरी 1967 तक खेले थे। टेस्ट का आखिरी दिन, भारतीय कप्तान टाइगर (मंसूर अली खान पटौदी) का जन्मदिन था। उन दिनों शर्मिला टैगोर, पटौदी को डेट कर रही थीं और खुद कोलकाता में उन्हें बर्थडे की बधाई देना चाहती थीं। तब वे और धर्मेंद्र फिल्म मेरे हमदम मेरे दोस्त की शूटिंग कर रहे थे।

शर्मिला चाहती थीं कि टाइगर के जन्मदिन के लिए सुबह मुंबई से फ्लाइट लें और कोलकाता पहुंच जाएं पर साथ-साथ ये भी नहीं चाहती थीं कि उनके अचानक ही गैरमौजूद होने से प्रोड्यूसर को नुकसान हो या काम रुके क्योंकि स्टूडियो में एक कीमती सेट लगा हुआ था। एक रास्ता निकाला कि पिछली पूरी रात शूटिंग करें पर इसके लिए धर्मेंद्र का भी राजी होना जरूरी था। शर्मिला ने पूरी रात काम करने के लिए धर्मेंद्र से बात की और वे मान गए। दोनों सुबह 7 बजे तक शूटिंग करते रहे। कोई शोर नहीं, कभी इसे स्टोरी बनाकर उछाला नहीं और कभी पूरी रात काम करने की परेशानी का जिक्र भी नहीं किया। इस मदद से, शर्मिला सुबह की फ्लाइट से टाइगर के पास पहुंच गईं बिना इस अफ़सोस के कि प्रोड्यूसर को परेशानी हुई या नुकसान।

चरनपाल सिंह सोबती

 

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