चौथे टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय गेंदबाजों का दिखा कमाल, कप्तान कोहली की रणनीति रही सफल

Updated: Sat, Jan 05 2019 16:45 IST
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5 जनवरी। भारतीय क्रिकेट टीम यहां सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर आस्ट्रेलिया के साथ जारी चौथे टेस्ट मैच में मजबूत स्थिति में पहुंच ऐतिहासिक सीरीज जीतने की ओर बढ़ती दिख रही है। मैच के तीसरे दिन भारत ने दिन का खेल खत्म होने तक आस्ट्रेलिया के छह विकेट महज 236 रनों पर ही चटका दिए हैं।

भारत ने मैच के दूसरे दिन पहली पारी सात विकेट पर 622 रनों पर घोषित की थी। इस लिहाज से आस्ट्रेलिया भारत से अभी भी 386 रन पीछे है। साथ ही उस पर फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा है। 

तीसरे दिन मैच खराब रोशनी और बारिश के कारण जल्दी खत्म कर दिया गया। तीसरे दिन मेजबान टीम सिर्फ पहले सत्र में ही कुछ अच्छा कर सकी। बाकी के दोनों सत्र में उसके बल्लेबाज विकेट पर टिकने के लिए संघर्ष करते दिखे। सलामी बल्लेबाज मार्कस हैरिस (79) ही मेजबान टीम की ओर से पचास के आंकड़े को पार कर सके। स्टम्प्स तक पीटर हैंड्सकॉम्ब 28 और पैट कमिंस 25 रन बनाकर क्रिज पर खड़े हुए हैं।

दिन की शुरुआत बिना किसी नुकसान के 24 रनों के साथ करने वाली आस्ट्रेलियाई टीम ने पहले सत्र में सिर्फ एक विकेट खोया। हैरिस और उस्मान ख्वाजा (27) ने पहले सत्र में संभल कर बल्लेबाजी की। इस बीच ख्वाजा, कुलदीप यादव की गेंद पर शॉट को मिस टाइम कर गए और शॉर्ट मिडविकेट पर चेतेश्वर पुजारा ने उनका कैच पकड़ने में कोई गलती नहीं की। हैरिस ने इसी दौरान अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया। 

हैरिस ने इसके बाद मार्नस लाबुस्शाने के साथ मिलकर पहले सत्र का खेल खत्म होने तक आस्ट्रेलिया को कोई और झटका नहीं लगने दिया। आस्ट्रेलिया ने पहले सत्र का अंत एक विकेट के नुकसान पर 122 रनों के साथ किया। 

हैरिस पहले सत्र में जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहे थे उसे देखकर लग रहा था कि वह इस सीरीज में आस्ट्रेलिया की तरफ से शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन जाएंगे। दूसरे सत्र में रवींद्र जडेजा ने हालांकि उनके पहले टेस्ट शतक के अरमान पर पानी फेर दिया। जडेजा की गेंद पर हैरिस कट मारने गए और गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटों पर जा लगी। 

हैरिस ने अपनी पारी में 120 गेंदों का सामना करते हुए आठ चौके मारे। यहां से भारतीय गेंदबाजों ने वापसी की। आस्ट्रेलिया ने इस बीच 32 रनों के भीतर अपने तीन विकेट खो दिए थे। हैरिस के बाद जडेजा ने 144 के कुल स्कोर पर शॉन मार्श (8) को पवेलियन की रहा दिखाई। हैरिस के बाद कोई बल्लेबाज अगर प्रभावित कर सका था तो वह थे लाबुस्शाने। दूसरे सत्र में लाबुस्शाने भी 152 के कुल स्कोर पर मोहम्मद शमी का शिकार होकर पवेलियन लौट लिए। उन्होंने 95 गेंदों में 38 रन बनाए जिनमें तीन चौके शामिल हैं। 

ट्रेविस हेड (20) और हैंड्सकॉम्ब ने मिलकर खेलने की कोशिश की और टीम के स्कोर बोर्ड में 40 रनों का इजाफा किया। इससे आगे यह जोड़ी नहीं जा पाई। 192 के कुल योग पर हेड, कुलदीप को उन्हीं की गेंद पर कैच दे बैठे। मेजबान टीम ने दूसरे सत्र का अंत पांच विकेट के नुकसान पर 198 रनों के साथ किया। 

तीसरे सत्र में आते ही पहले ओवर में कुलदीप यादव ने टिम पेन (5) को बोल्ड कर आस्ट्रेलिया को छठा झटका दिया। कुलदीप की ऑफ स्टम्प के बाहर पटकी गई गेंद पर पेन ड्राइव मारने गए और गेंद उनके पैड और बल्ले के बीच से स्टम्प में घुस गई। 

यहां से हैंड्सकॉम्ब और कमिंस ने संभल कर खेला। दोनों की कोशिश अपनी टीम को अगला झटका न लगने देने की थी। हैंड्सकॉम्ब ने बेहद धीमा खेल खेला तो वहीं कमिंस ने चौकों से बात की। उन्होंने सिर्फ एक रन दौड़कर लिया। कमिंस ने 41 गेंदें खेलीं है जिनपर छह पर चौके मारे हैं। वहीं हैंड्सकॉम्ब ने 91 गेंदों का सामना किया है। उनकी पारी में सिर्फ तीन चौके शामिल हैं। 

भारत की तरफ से कुलदीप ने तीन विकेट अपने नाम किए हैं। जडेजा को दो विकेट मिले। शमी के हिस्से एक विकेट आया। 

भारत ने चेतेश्वर पुजारा (193), ऋषभ पंत (159), जडेजा (81), मयंक अग्रवाल (77) के बेहतरीन पारियों के दम पर पहली पारी में विशाल स्कोर खड़ा किया था। 

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