उम्मीद की एक नई किरण बनेगा अफगानिस्तान महिला क्रिकेट टीम का टी20 मैच : निक हॉकले
तालिबान के देश पर कब्जे के बाद, अफगानिस्तान की महिला क्रिकेट खिलाड़ी अब मेलबर्न और कैनबरा में बस गई हैं। ये खिलाड़ी गुरुवार को मेलबर्न के जंक्शन ओवल मैदान पर "क्रिकेट विदाउट बॉर्डर्स इलेवन" टीम के खिलाफ टी20 मैच खेलेंगी।
इस मैच के बाद, उसी दिन शाम को एमसीजी में डे-नाइट महिला एशेज टेस्ट मैच होगा।
हॉकले ने यह भी बताया कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) अफगानिस्तान की महिला टीम के खिलाड़ियों को भविष्य में मैच आयोजित करने के लिए आमंत्रित करने की योजना बना रहा है।
उन्होंने कहा, "यह पहला कदम है। इंग्लैंड से हमारे ईसीबी के साथी महिला एशेज देखने आएंगे, और अफगान महिला टीम को समर्थन देने के लिए बातचीत जारी है। सबसे पहले, जागरूकता बढ़ानी जरूरी है। गुरुवार का दिन बेहद खास और उत्साहजनक होगा। मेरी उम्मीद है कि यह मैच कई सकारात्मक चर्चाओं को जन्म देगा, इसे हर साल आयोजित किया जाए, और अंततः यह टीम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करे।"
हॉकले ने अफगान खिलाड़ियों की कठिनाइयों पर भी बात की। उन्होंने कहा, "उनके लिए एक नए देश में बसना, भाषा न जानना, और इतने मुश्किल हालातों का सामना करना आसान नहीं रहा। लेकिन उनका हौसला, क्रिकेट के प्रति प्रेम, और उनकी दृढ़ता प्रेरणादायक है। यह मैच उनकी कहानी और उनकी ताकत को दुनिया के सामने लाने का एक अवसर है।"
हॉकले ने वह पल भी याद किया जब खिलाड़ियों ने पहली बार अपनी जर्सी देखी। उन्होंने कहा, "जब उन्होंने अपनी जर्सी पर अपने नाम और नंबर देखे, तो उनकी खुशी देखने लायक थी। यह उनके लिए कितना मायने रखता है, यह साफ दिखा।"
उन्होंने कहा, "यह सिर्फ इस टीम की यात्रा की शुरुआत है, लेकिन साथ ही यह बताने का जरिया भी है कि दुनिया में हर महिला और लड़की को खेल का मौका नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए।"
हॉकले ने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल तालिबान के शासन में महिलाओं और लड़कियों के मानव अधिकारों के हनन के बाद अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय मैच नहीं खेलने का निर्णय लिया था। हालांकि, आईसीसी टूर्नामेंट्स में अफगानिस्तान से खेलने पर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा।
हॉक्ले ने इस पर कहा, "आईसीसी टूर्नामेंट्स में हम तय कार्यक्रम के तहत अफगानिस्तान से खेलने के लिए बाध्य हैं। यह हमारे नियंत्रण में नहीं है। लेकिन हम जो कर सकते हैं, वह है सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयास करना।"
हॉकले ने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल तालिबान के शासन में महिलाओं और लड़कियों के मानव अधिकारों के हनन के बाद अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय मैच नहीं खेलने का निर्णय लिया था। हालांकि, आईसीसी टूर्नामेंट्स में अफगानिस्तान से खेलने पर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा।
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Article Source: IANS