रॉबिन उथप्पा : विश्व कप विजेता, जिसने करियर में देखे उतार-चढ़ाव
11 नवंबर 1985 को कर्नाटक में जन्मे रॉबिन वेणु उथप्पा ने साल 2005 में चैलेंजर ट्रॉफी में सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। उन्होंने जहीर खान, मुरली कार्तिक और आरपी सिंह जैसे गेंदबाजों के सामने 66 रन की शानदार पारी खेली थी। अगले साल इंडिया-बी के लिए 93 गेंदों में मैच जिताऊ शतक जड़ा।
रॉबिन उथप्पा को अगले ही साल इसका इनाम मिला। उन्हें इंग्लैंड के विरुद्ध इंदौर में वनडे डेब्यू का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 86 रन की पारी खेलकर खुद को एक बार फिर साबित कर दिखाया।
उथप्पा साल 2007 में टी20 विश्व कप विजेता टीम का अहम हिस्सा रहे, लेकिन अगले साल से करियर का ग्राफ गिरने लगा। साल 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 से भी कम का औसत रहा, जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
हालांकि, रॉबिन उथप्पा अपनी खामियों में लगातार सुधार करते रहे। इस बीच रॉबिन ने आईपीएल 2009/10 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगुलरु (आरसीबी) की ओर से खेलते हुए 374 रन बनाए। अगले दो सीजन पुणे वॉरियर्स इंडिया के लिए खेलते हुए 264 और 405 रन बनाए।
2013-14 में घरेलू क्रिकेट में उनकी टीम कर्नाटक ने रणजी ट्रॉफी, ईरानी कप और विजय हजारे ट्रॉफी जीती, जिसमें उथप्पा का अहम योगदान था।
आईपीएल 2014 रॉबिन उथप्पा के लिए बेहद खास रहा। कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलते हुए रॉबिन ने 16 मुकाबलों में 44 की औसत के साथ 660 रन बनाते हुए टीम को खिताब जिताने में बड़ा योगदान दिया।
एक बार फिर उथप्पा को उनकी मेहनत का इनाम मिला। साल 2014 में बांग्लादेश दौरे के लिए एक बार फिर भारतीय वनडे टीम में उन्हें जगह मिली और उन्होंने अर्धशतक जमाया, लेकिन अगले 7 मुकाबलों में उथप्पा खासा प्रभावित नहीं कर सके। साल 2015 में ही उनके अंतरराष्ट्रीय करियर पर पूर्ण विराम भी लग गया।
हालांकि, आईपीएल में साल 2019 तक उथप्पा केकेआर के लिए एक ताकत बने रहे, जिसके बाद अगले तीन साल राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेला।
रॉबिन उथप्पा भारत के लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में खेले। उन्होंने 46 वनडे मुकाबलों में 25.94 की औसत के साथ 934 रन बनाए, जबकि 13 टी20 मुकाबलों में 249 रन जोड़े। उथप्पा के आईपीएल करियर को देखा जाए, तो उन्होंने 205 मुकाबलों में 27.51 की औसत के साथ 4,952 रन बनाए।
हालांकि, आईपीएल में साल 2019 तक उथप्पा केकेआर के लिए एक ताकत बने रहे, जिसके बाद अगले तीन साल राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेला।
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अपने करियर में मेहनत, अनुशासन और खेल भावना का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करने वाले उथप्पा हर परिस्थिति में टीम के लिए डटे रहे। बल्लेबाजी में संतुलित तकनीक और आक्रामकता के बेहतरीन मेल ने उन्हें एक आदर्श क्रिकेटर साबित किया है।