'या तो मैं तेज फेकूंगा, या गेंदबाजी करूंगा ही नहीं', 2015 में खेला था आखिरी मैच; अभी भी टीम इंडिया में वापसी की उम्मीद
इंजरी और लगातार चोट किसी भी गेंदबाज के लिए एक बड़ी बाधा होती है। ऐसा ही कुछ हुआ भारत के तेज गेंदबाज वरुण आरोन के साथ।
आरोन को करीब 6 साल हो गए जब उन्होंने भारत के लिए कोई इंटरनेशनल मैच खेला है। उन्होंने तब बैंगलोर के मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था। हैरान कर देने वाली बात यह है कि विजय हजारे ट्रॉफी में महेंद्र सिंह धोनी ने भी इस गेंदबाज की कप्तानी में खेला है।
बहुत दिनों तक टीम से बाहर रहने के बाद इस गेंदबाज को अब भारतीय टीम आना है और वो वापसी की बड़ी उम्मीद लगाकर बैठे है।
वरुण आरोन ने कहा,"मुझे लगता है कि मैं भारत के लिए क्रिकेट का सबसे लंबा फॉर्मेट खेल सकता हूं। अगर आप तेज गेंदबाजी कर रहे हैं तो आपको पहले स्पेल से लेकर आखरी स्पेल तक वैसे ही तेज गेंदबाजी जारी रखनी होगी। मुझे लगता है कि अगर आप एक तेज गेंदबाज है तो टेस्ट मैचों में लगातार 140 से ज्यादा की गति से गेंदबाजी आनी चाहिए, इसका मतलब है कि आप 145 के आसपास गेंद फेंक सकते हैं। मैंने इसके लिए काफी मेहनत की है और मुझे पता है कि मैं यह कर सकता हूं।"
आगे उन्होंने बात करता हुए कहा कि वो औसतन गेंदबाजी नहीं करना चाहते। यहा तो वो एकदम तेज गति से गेंदबाजी करने की कोशिश करेंगे या फिर वो गेंदबाजी करेंगे ही नहीं।
आरोन ने कहा," या तो मैं सब चीज हूं या कुछ हूं ही नहीं। मैं बीच में नहीं रहना चाहता। या तो मैं पूरी तरह से तेज गति से गेंद फेंकने की कोशिश करूंगा या फिर गेंदबाजी करुंगा ही नहीं। एक तेज गेंदबाज के तौर पर मैंने अभी तक वो मुकाम हासिल नहीं किया है। बीच में मुझे बहुत सारी इंजरी और चोटों से जूझना पड़ा।"