टेस्ट में टॉप 5 बेस्ट गेंदबाजी परफॉर्मेंस फिरोजशाह कोटला मैदान पर

Updated: Wed, Dec 02 2015 21:39 IST

फिरोजशाह कोटला मैदान दिल्ली का हमेशा से भारतीय भारतीय स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हुआ है। चाहे वो भारत के मैजिकल गेंदबाज अनिल कुंबले हों या फिर वर्तमान में अपने गेंदबाजी से पूरे वर्ल्ड के बल्लेबाजों के अंदर खौफ पैदा करने वाले रविचंद्रन अश्विन हो। सभी गेंदबाजों ने अपने स्पिन गेंदबाजी से फिरोजशाह कोटला में अपना सर्वश्रेष्ठ देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कल से शुरु होने वाले टेस्ट मैच से पहले जानते हैं टॉप 5 गेंदबाजी परफॉर्मंस के बारे में जिसने इस मैदान को एतिहासिक बना दिया है।

अनिल कुंबले 10/ 74 बनाम पाकिस्तान – 4 फरवरी 1999 को फिरोजशाह कोटला के मैदान पर भारत के अनिल कुंबले ने इतिहास लिखते हुए एक टेस्ट मैच की एक पारी में पूरे 10 विकेट लेकर इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद दुनिया के केवल दूसरे ऐसे गेंदबाज बन गए थे जिसने एक टेस्ट मैच की एक पारी में 10 विकेट चटकाए थे। पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान अनिल कुंबले ने पाकिस्तान की दूसरी पारी में 26. 3 ओवर में केवल 74 रन देकर 10 विकेट चटकाए थे। भारत ने यह टेस्ट मैच 212 रन के बड़े अंतर से जीता था।

वीनू मांकड़ 8/52 बनाम पाकिस्तान (1952): 16 अक्टूबर 1952 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारत के वीनू मांकड़ ने अपनी गेंदबाजी से जो करिश्मा किया था वो बेहद ही असाधारण था। वीनू मांकड़ ने पाकिस्तान की पहली पारी में 47 ओवर गेंदबाजी कर केवल 52 रन खर्च कर 8 पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी। इतना ही नहीं मांकड़ ने दूसरी पारी में भी पाकिस्तान के 5 बल्लेबाज को आउट किया था। उस टेस्ट मैच में मांकड़ ने कुल 13 विकेट चटकाए थे। भारत ने टेस्ट मैच एक पारी और 70 रन से जीती थी।

सिकंदर बख्त, पाक 8/69 बनाम भारत (1979):  फिरोजशाह कोटला मैदान पर साल 1979 में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सिकंदर बख्त ने शानदार गेंदबाजी कर पहली पारी में भारत के 8 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी। कम स्कोर वाले इस टेस्ट मैच को ड्रा करने में पाकिस्तान के सिकंदर बख्त ने अहम योगदान दिया था। सिकंदर बख्त ने 21 ओवर में केवल 69 रन खर्च 8 विकेट झटके थे। फिरोजशाह कोटला मैदान पर यह पहला वाक्या था जब कोई विदेशी गेंदबाज ने अपनी गेंदबाजी से विरोधी टीम पर लगाम कसा था। दूसरी पारी में भी सिकंदर बख्त ने 3 विकेट चटकाए थे।

श्रीनिवास वेंकटराघवन 8/ 72 बनाम न्यूजीलैंड (1965): भारत के एक और स्पिन के जादूगर श्रीनिवास वेंकटराघवन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान पहली पारी में 51.1 ओवर में गेंदबाजी कर 8 विकेट चटकाकर न्यूजीलैंड की पहली पारी को केवल 262 रन पर समेटने में खास भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही दूसरी पारी में भी वेंकटराघवन ने 4 विकेट अपनी गेंदबाजी से चटकाए थे जिससे न्यूजीलैंड की टीम 7 विकेट से भारत से हार गई थी। 4 टेस्ट मैचों की सीरीज का यह अंतिम टेस्ट मैच था जिसे भारत ने 1 - 0 से अपने नाम कर सीरीज पर कब्जा कर लिया था।

भागवत चंद्रशेखर 8/79 बनाम इंग्लैंड (1972): फिरोजशाह कोटला मैदान में स्पिन गेंदबाजों का बोलबाला रहा है और खासकर भारत के गेंदबाजों ने जो किया है वो बेहद ही अकल्पनिय है। भारत के भागवत चंद्रशेखर ने 1972 में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी घूमती गेंद से जिस कदर इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पानी पिलाया था वो आज भी याद कर बेहतरीन गेंदबाजी परफॉर्मेंस में से एक है। 1972 में इंग्लैंड की टीम ने जब भारत का दौरा किया तो पहला टेस्ट मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर हुआ था। उस टेस्ट मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी कर जब भारत की टीम पहली पारी में केवल 173 रन पर ऑल आउट हो गई तो ऐसा प्रतित होने लगा था कि भारत के लिए इंग्लैंड से पार पाना मुश्किल होगा। लेकिन चंद्रशेखर ने अपनी शानदार गेंदबाजी से केवल 79 रन देकर 8 विकेट झटक लिए जिससे इंग्लैंड की टीम कोई बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर पाई औऱ केवल 200 रन के स्कोर पर ऑल आउट हो गई। लेकिन भारत के बल्लेबाज इसका फायदा नहीं उठा पाए। दूसरी पारी में भी भारत की टीम केवल 233 रन बना सकी जो इंग्लैंड के लिए टेस्ट मैच फतह करने का सुनहरा मौका मिल गया। इंग्लैंड ने यह टेस्ट मैच 6 विके टसे जीत लिया था। इंग्लैंड के लिए इस टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज ज्योफ अर्नाल्ड ने कुल 9 विकेट झटके थे। लेकिन चंद्रशेखर ने एक पारी में 8 विकेट लेकर अर्नाल्ड के परफॉर्मेंस पर पानी फेर दिया था।


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