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बीसीसीआई सीओए ने सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध किया

23 सितंबर। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सर्वोच्च अदालत से राज्य संघों के चुनाव को लेकर दिए गए उसके आदेश को लेकर स्थिति साफ करने की अपील की है। सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को तमिल नाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) को चुनाव

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat September 23, 2019 • 15:16 PM
बीसीसीआई सीओए ने सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध किया Images
बीसीसीआई सीओए ने सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध किया Images (twitter)
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23 सितंबर। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सर्वोच्च अदालत से राज्य संघों के चुनाव को लेकर दिए गए उसके आदेश को लेकर स्थिति साफ करने की अपील की है। सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को तमिल नाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) को चुनाव कराने की इजाजत दे दी थी।

सीओए ने अपनी अपील में कहा है, "सीओए सर्वोच्च अदालत के उस आदेश को लेकर स्थिति साफ करना चाहती है जिसमें उसने कहा :

1. याचिकाकर्ता - तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए)- को सहायक सचिव के पद के लिए चुनाव कराने को कहा है।

2. इस बात का निर्देश कि अयोग्य सिर्फ वही लोग होंगे राज्य संघा के अधिकारी रह चुके हैं।

यह फैसला गलती से आपके 18 जुलाई 2016 और नौ अगस्त 2018 के आदेश का उल्लंघन कर रहा है।

सीओए की इस अपील की एक प्रति आईएएनएस के पास है।

सीओए ने अपनी अपील में यह भी बताया है कि टीएनसीए और हरियाणा राज्य क्रिकेट संघ ने जानबूझकर बीसीसीआई के नए संविधान को अपनाया नहीं है।

सीओए ने कहा है कि शुक्रवार को जो आदेश दिया गया है उसे साफ किया जाए या बदला जाए ताकि टीएनसीए के चुनाव बीसीसीआई के सविंधान से मान्यता प्राप्त सिर्फ पांच पदों के लिए ही कराए जाएं।

एक अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह सीओए की तरफ से अपने आप को कार्यालय में बनाए रखने का यह आखिरी मौका है।

अधिकारी ने कहा, "वह अपने कार्यकाल को बढ़ाने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। सीओए की तरफ से दाखिल की गई अपील बताती है कि हम लोग जो इतने लंबे समय से कह रहे थे वो सच है कि सीओए अपने पदों पर बने रहना चाहती है क्योंकि उनके पास कोई और काम नहीं है।"

अधिकारी ने कहा, "सर्वोच्च अदालत का आदेश कांच की तरह साफ है और इसलिए ही सीओए और उनके वकील इस पर संशय पैदा नहीं कर पा रहे हैं। इससे पहले भी सीओए अदालत के नौ प्लस नौ के आदेश को गलत तरीके से पेश कर चुका है तब अदालत ने कहा था कि आदेश पूरी तरह से साफ है।"

राज्य संघ के एक अधिकारी ने भी इस बात पर हामी भरते हुए कहा, "यह साफ बताता है कि सीओए ने इस निजी लड़ाई बना ली है और अदालत के आदेश को व्यक्तिगत तौर पर ले लिया है।"

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