'हार-जीत से बढ़कर होता है सम्मान', कंगारू टीम की इज्जत के लिए अजिंक्य रहाणे ने किया था ये काम
भारतीय बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज जीतने के बाद स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने इसलिए कंगारू केक काटने से मना कर दिया, क्योंकि वे अपने प्रतिद्वंद्वी का सम्मान करते हैं। रहाणे...
भारतीय बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज जीतने के बाद स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने इसलिए कंगारू केक काटने से मना कर दिया, क्योंकि वे अपने प्रतिद्वंद्वी का सम्मान करते हैं।
रहाणे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज के अंतिम तीन टेस्ट में भारतीय टीम के कप्तान थे। उनकी कप्तानी में भारत ने आस्ट्रेलिया की सरजमीं पर ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीती है।
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टेस्ट सीरीज जीत के बाद जब रहाणे अपने घर लौटे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। रहाणे के लिए स्वागत के लिए एक केक भी तैयार कराया, जिस पर कंगारू बना था। लेकिन रहाणे ने उस केक को काटने से इनकार कर दिया।
रहाणे ने मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले के साथ उनके फेसबुक पेज पर बातचीत के दौरान कहा, "कंगारू आस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पशु है। मैं ऐसा नहीं करना चाहता था। आप विपक्षी टीम को हराएं। भले ही आप जीतें, आप इतिहास रच दें, लेकिन मुझे लगता है कि आपको विरोधी को भी सम्मान देना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हार-जीत के बावजूद आपको सम्मान देने की जरूरत होती है। यही वजह थी कि मैंने केक काटने से मना कर दिया।"
विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट के बाद अंतिम तीन टेस्ट मैचों में नहीं खेले थे और अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट आए थे। कोहली जब कप्तान थे तो पहले टेस्ट में भारत 36 रन पर ढेर हो गया था।
उनके बाद रहाणे ने टीम की कमान संभाली थी और दूसरे टेस्ट में भारत को आठ विकेट से जीत दिलाई थी। इसके बाद सिडनी में मैच ड्रॉ रहा था और ब्रिस्बेन में भारत ने तीन विकेट से ऐतिहासिक जीत के साथ सीरीज 2-1 से जीत ली।