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भारतीय क्रिकेट में परिवर्तन ही निरंतरता है

ढेरों खिलाड़ी होने की समस्या भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास उपलब्ध खिलाड़ियों के पूल के मद्देनजर स्वस्थ मानी जा सकती है लेकिन इस समय चुनौती यह है कि इसे संभाला कैसे जाए। चक्र को सहजता के साथ कैसे घुमाया

IANS News
By IANS News December 10, 2022 • 20:14 PM
Indian Cricket Team
Indian Cricket Team (Image Source: IANS)
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ढेरों खिलाड़ी होने की समस्या भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पास उपलब्ध खिलाड़ियों के पूल के मद्देनजर स्वस्थ मानी जा सकती है लेकिन इस समय चुनौती यह है कि इसे संभाला कैसे जाए। चक्र को सहजता के साथ कैसे घुमाया जाए। हम खिलाड़ी के रूप में ज्यादा परिवर्तन से नफरत करते हैं। परिवर्तन से ज्यादा बेहतर शब्द अभ्यस्त करना है। आप किसी खिलाड़ी से किसी खेल शैली से अभ्यस्त होने के लिए कह सकते हैं लेकिन उसे बदलना कुछ अलग बात है।

उच्च स्तर पर खिलाड़ियों का लगातार रोटेशन ज्यादा असुरक्षा की भावना पैदा कर सकता है और यह उन्हें बड़े स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता। उदाहरण के लिए शुभमन गिल का न्यूजीलैंड दौरे में वनडे सीरीज में बेहतर प्रदर्शन रहा था।

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क्या उसे तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए बांग्लादेश की उड़ान में नहीं होना चाहिए था। वाशिंगटन सुंदर और श्रेयस अय्यर के साथ बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद यह युवा खिलाड़ी बांग्लादेश नहीं जा पाया जबकि सुंदर और अय्यर बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में खेले।

मैं जानती हूं कि टीमें पहले से ही चुन ली जाती हैं। इसलिए इसका यह मतलब नहीं कि वह न्यूजीलैड दौरे पर सफल हो या नहीं, उसे इंटरनेशनल एक्सपोजर के नाम पर केवल तीन वनडे ही मिलेंगे।

इस स्थिति में आप खिलाड़ी के ²ष्टिकोण को कैसे जांचेंगे-सावधान या लापरवाह या फिर दोनों। चर्चा फिर वापस वहीँ चली जाती है जहां से शुरू हुई थी। एक खिलाड़ी या टीम के लिए संतुलन कैसे हासिल किया जा सकता है। हम निरंतरता या परिवर्तन, किसे प्रमोट करें?

पुरुष टीम के पास समस्याएं ढेरों हैं जबकि महिला टीम के प्रमुख कोच के लिए प्रक्रिया निरंतर है। महिला टीम के पास भी अपनी चुनौतियां हैं। वे अपने मुख्य कोच में निरंतरता की तलाश कर रही हैं।

तर्क हमेशा रहेगा, यदि मुझे स्कोर करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है तो मैं चयनकर्ताओं को प्रभवित कैसे कर पाऊंगा।

मैं सहमत हूं कि यह मुश्किल सवाल है लेकिन हम सभी को परिवर्तन से अभ्यस्त होना होगा।

(पूर्व भारतीय महिला कप्तान हैं और उनके विचार निजी हैं )

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