भारतीय क्रिकेट टीम में एमएस धोनी के आने के बाद बतौर विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान उनकी सर्वाधिक चर्चा हुई है। दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल, संजू सैमसन, ऋषभ पंत, और ईशान किशन भी भारतीय टीम के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेले हैं। लेकिन जब भी श्रेष्ठ विकेटकीपर की चर्चा होती है, तो ऋद्धिमान साहा को अपनी बिजली जैसी गति से स्टंपिंग के लिए मशहूर धोनी से भी श्रेष्ठ विकेटकीपर माना जाता है। ऐसा पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली और विराट कोहली भी मानते हैं।
ऋद्धिमान साहा का जन्म 24 अक्टूबर 1984 को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुआ था। 13 साल की उम्र से उन्होंने क्रिकेट शुरू किया। दाएं हाथ से बल्लेबाजी के साथ-साथ साहा ने एक विकेटकीपर के तौर पर अपनी यात्रा आरंभ की। साहा अपनी विकेटकीपिंग की वजह से युवा अवस्था में ही काफी चर्चा में आ गए। बंगाल क्रिकेट के चयनकर्ताओं की नजर भी उनपर पड़ी। अंडर-19 और अंडर-22 टीम से होते हुए 2006-07 में असम के खिलाफ बंगाल की तरफ से उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला।
2010 में साहा ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया। उस समय कप्तान एमएस धोनी थे। साहा ने धोनी की कप्तानी में भी खेला और उनके संन्यास के बाद टेस्ट में टीम इंडिया के मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर खेले। साहा के करियर का मुख्य हिस्सा विराट कोहली की कप्तानी में खेलते हुए बीता।