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स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, बीसीसीआई को लगायी कड़ी फटकार

स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने बीसीसीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि बीसीसीआई खेल को तबाह कर रहा है। क्रिकेट को सच्ची भावना से खेला जाए। लेकिन फिक्सिंग से खेल खत्म

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Supreme Court of India
Supreme Court of India ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Feb 10, 2015 • 12:11 AM

नई दिल्ली, 24 नवंबर (हि.स.) । स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने बीसीसीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि बीसीसीआई खेल को तबाह कर रहा है। क्रिकेट को सच्ची भावना से खेला जाए। लेकिन फिक्सिंग से खेल खत्म हो जाता है। बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया कि मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करेंगे।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
February 10, 2015 • 12:11 AM

स्पॉट फिक्सिंग मामले में मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिक्सिंग जैसी घटना से भरोसा टूटता है। कोर्ट ने आईपीएल में एन श्रीनिवासन के होने पर कहा कि आईपीएल में श्रीनिवासन का हिस्सेदार होना अजीब बात है। वह बीसीसाईए के अध्यक्ष भी हैं और आईपीएल के हिस्सेदार भी।

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आईपीएल स्पाट फिक्सिंग प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से कहा कि यदि आप ये सब होने देंगे तो फिर आप क्रिकेट के खेल को खत्म कर रहे हैं। हम न्यायमूर्ति मुद्गल समिति की रिपोर्ट के निषकर्ष को सही मानते हैं। कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति विशेष की बजाय खेल को संदेह का लाभ मिलना चाहिए । कोर्ट ने श्रीनिवासन से कहा कि आपको बीसीसीआई के मुखिया और आईपीएल टीम, जिसके अधिकारी सट्टेबाजी में लिप्त पाये गये, के मालिक के रूप में हितों के टकराव से जुड़े सवालों पर गौर करना होगा।

गौरतलब है कि क्रिकेट प्रशासक एन श्रीनिवासन ने सुप्रीम कोर्ट से शनिवार को अनुरोध किया था कि उन्हें भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर बहाल किया जाए। श्रीनिवासन ने कोर्ट में दाखिल अपनी अर्जी में दावा किया है कि आईपीएल-6 मामले में न्यायमूर्ति मुकल मुद्गल समिति की रिपोर्ट में उनके खिलाफ आपत्तिजनक कुछ नहीं है। इसी के साथ, इंडिया सीमेन्ट्स ने भी कोर्ट से कंपनी के खिलाफ ऐसा कोई भी प्रतिकूल आदेश नहीं देने का अनुरोध किया है जिससे चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी रद्द होने की नौबत आ जाए। श्रीनिवासन इस कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं।

श्रीनिवासन ने कहा कि उन्हें सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग या जांच प्रभावित करने के आरोपों से बरी कर दिया गया है। रिपोर्ट में ‘व्यक्ति-3’ से संबंधित मामूली घटना के बारे में टिप्पणी की गयी है जो आपत्तिजनक नहीं है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध कया है कि उन्हें बीसीसीआई के अध्यक्ष का पद ग्रहण करने की अनुमति दी जाए जिससे वह लगभग एक साल से अलग हैं। चेन्नई सुपर किंग्स की मालिक इंडिया सीमेन्ट्स ने एक अलग हलफनामे में दलील दी है कि श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन, जिन्हें रिपोर्ट में दोषी ठहराया गया है, किसी भी तरह से कंपनी से संबद्ध नहीं है। इस कंपनी ने अनुरोध किया है कि इंडिया सीमेन्ट्स के खिलाफ कोई भी प्रतिकूल आदेश के सिर्फ चेन्नई सुपर किंग्स के लिये ही नहीं बल्कि समूची लीग, क्रिकेट खिलाडियों और आईपीएल से जुड़े लोगों पर भी हानिकारक प्रभाव डालेगा।

बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष ने समिति के इस निष्कर्ष को चुनौती दी है कि उन्होंने तथा बोर्ड के चार अन्य अधिकारियों ने व्यक्ति-3 (खिलाड़ी) के कदाचार की जानकारी होने के बावजूद उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा है कि तत्कालीन अध्यक्ष ने इस मसले पर गौर किया था और कोई कार्रवाई नहीं करने के लिये उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील

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