गत चैंपियन गुजरात टाइटंस आईपीएल मुकाबले में पंजाब किंग्स के खिलाफ 154 का पीछा करते हुए आसान जीत की तरफ अग्रसर थे। शुभमन गिल ने 49 गेंदों में सात चौकों और एक छक्के की मदद से 67 रन बना दिए थे। गुजरात को गुरूवार रात आखिरी ओवर में सात रन की जरूरत थी। अर्शदीप सिंह ने पारी के 19वें ओवर में सिर्फ छह रन दिए थे। गिल रन आउट से बचे थे और अगली गेंद पर सैम करन ने गिल का ऑफ स्टंप उखाड़ दिया और मैच में अचानक रोमांच आ गया।
करन ने लगातार दो यॉर्कर डाली और डेविड मिलर ने डाइव लगाकर किसी तरह दूसरा रन पूरा किया। राहुल तेवतिया ने पांचवीं गेंद को शार्ट फाइन लेग के ऊपर से चौके के लिए निकालकर गुजरात को एक गेंद शेष रहते छह विकेट से जीत दिला दी।
लक्ष्य का पीछा करते हुए 12 प्रयासों में गुजरात को 11वीं जीत दिलाने वाले तेवतिया ने फिनिशर के रूप में अपनी सफलता का श्रेय खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के अभ्यास को दिया। वह ऐसी मैच परिस्थितियों का काफी अभ्यास करते हैं जो भविष्य में किसी मैच के दौरान आ सकती हैं।
उन्होंने कहा, "रातोंरात कुछ नहीं होता। मुझे 2020 में यह भूमिका दी गयी थी जब मैं राजस्थान रॉयल्स के साथ था जब उन्होंने मुझे यह भूमिका दी थी तो सब कुछ स्पष्ट था। छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करना..आपके पास 14 लीग मैच होते हैं और आपको ऐसी परिस्थिति में बल्लेबाजी करने का मौका आठ या नौ बार मिल सकता है।"
तेवतिया ने कहा, "मैं खुद को लक्ष्य देता हूं। मैं ऐसी मैच परिस्थितियों में काफी खेला हूं जिससे मुझे आईडिया मिल जाता है कि मुझे कब मौका लेना है और मैं किस तरह मैच फिनिश कर सकता हूं। मेरे अनुसार सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आपको पता होना चाहिए कि सही समय क्या है और सही गेंदबाज कौन है।"
उन्होंने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ऐसा नहीं है कि आप 10 में सभी 10 मैचों को फिनिश कर सकें लेकिन आप अधिकतर मैचों को फिनिश कर सकते हैं जो गुजरात पिछले सत्र से कर रहा है।"
उन्होंने कहा, "अंत में गेंद कुछ रिवर्स स्विंग कर रही थी। शुभमन गिल ने मुझे आते हुए बताया कि गेंद कुछ रिवर्स स्विंग कर रही है। यह अच्छी बात थी कि आपको एक सेट बल्लेबाज से ऐसी जानकारी मिल जाती है। मेरे दिमाग में दो चीजें थीं लेग साइड बड़ी थी और मुझे लगा कि मैं दो रन ले सकता हूं लेकिन इसमें कुछ खतरा लगा। दो बॉल रह गयी थीं और मुझे लगा कि यह बेहतर शॉट होगा। मैंने खुद पर भरोसा किया और शॉट खेल दिया जो विजयी चौका साबित हुआ।''