भारत के नए टेस्ट क्रिकेटर सरफराज खान (Sarfaraz Khan) की राजकोट में कामयाबी के बाद, चारों ओर उनके बारे में बहुत कुछ चर्चा में रहा। वैसे भी सरफराज और उनके अब्बा की मेहनत के बारे में बहुत कुछ लिखा जा चुका है। फिर भी नौशाद खान ने 'मेकिंग ऑफ़ सरफराज खान' की चर्चा में एक नाम का जिक्र किया- इकबाल अब्दुल्ला (Iqbal Abdulla) का। कौन हैं ये और ऐसा क्या किया कि नौशाद खान यहां भी उन्हें भूले नहीं?
ये इकबाल अब्दुल्ला और किसी का नहीं, उस पहले क्रिकेटर का नाम है जिसके साथ नौशाद खान ने किसी के ऊंचे दर्जे की क्रिकेट में खेलने का सपना देखा और उसे तैयार भी किया। इकबाल अब्दुल्ला में उन्हें टेलेंट नजर आई और गरीब बच्चों में से उन्हें निकाला और आजमगढ़ से मुंबई ले आए। यहां तक कि अपने 225 स्क्वायर फुट के कुर्ला घर में रखा- घर में और हर सुविधा दी, अपने बच्चे की तरह। खब्बू स्पिनर इकबाल फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए क्रिकेट खेले, आईपीएल भी लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट तक न पहुंच पाए और 2007-08 में मुंबई के लिए शुरू हुआ फर्स्ट क्लास करियर 2022 में खत्म हुआ। मुंबई जैसी टीम के लिए खेल पाना भी कोई कम बात नहीं। फर्स्ट क्लास करियर रिकॉर्ड रहा- 71 मैच, 2641 रन, 3 शतक और 220 विकेट। 2008 में अंडर 19 वर्ल्ड कप विजेता टीम में थे और 13 की औसत से 10 विकेट लिए।
वैसे मुंबई के साथ करियर की शुरुआत के बाद मिजोरम, सिक्किम, केरल और उत्तराखंड के लिए भी खेले। 2007 में अपने सिर्फ 5वें टी20 में 5-10 की गेंदबाजी की थी हरियाणा के विरुद्ध और इसके बाद फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। सबसे बेहतरीन सीज़न 2010-11 था- रणजी ट्रॉफी में 22.11 की औसत से 27 विकेट, 2011 आईपीएल में केकेआर के लिए 16 विकेट जिससे नाइट राइडर्स ने एलिमिनेटर खेला लेकिन अगले रणजी सीज़न में आउट ऑफ फॉर्म थे और 6 मैच में 13 विकेट ही ले पाए। 2013-14 और 2015-16 में टीम के रणजी क्वार्टर फाइनल खेलने में वे भी चमके थे। आईपीएल में, नाइट राइडर्स के लिए 6 सीज़न खेले और राजस्थान रॉयल्स एवं आरसीबी के लिए भी। इंडिया ए और चैलेंजर ट्रॉफी में इंडिया ग्रीन के लिए भी खेले।