बीसीसीआई की सीनियर सेलेक्शन कमेटी में आए नए मेंबर में से एक पूर्व क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) हैं। भारत के लिए 24 टेस्ट, 18 वनडे और 6 टी20 खेले और तीनों फॉर्मेट में कुल 144 विकेट लिए। इससे पहले आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में भी रहे हैं।
हाल के दिनों में न तो वे और न ही उनका क्रिकेट करियर ज़्यादा चर्चा में थे हालांकि उनके करियर से कई अजीब बातें और खासियत जुड़ी हैं। एक खब्बू स्पिनर जो अनिल कुंबले की विदाई और आर अश्विन एवं रवींद्र जडेजा के चमकने के बीच की कड़ी थे। इतने बेहतर कि 2012 में अपना 17वां टेस्ट खेलने तक, आईसीसी की टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में टॉप 5 में थे।
अपना आखिरी टेस्ट 2013 में खेला। यही सचिन तेंदुलकर का आख़िरी टेस्ट था- मुंबई में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध। प्रज्ञान ओझा इसमें 'मैन ऑफ़ द मैच' थे पर सचिन के फेयरवैल के शोर और उससे बने माहौल में उनका अवार्ड जीतने वाला प्रदर्शन भी फीका पड़ गया। उनके दोनों पारी में क्रमशः 40 और 49 रन देकर 5-5 विकेट लेने को कोई ख़ास चर्चा मिली ही नहीं।