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वह क्रिकेटर जिसने 2 बार सौरव गांगुली की जगह ली- एक बार टीम इंडिया में और अब IPL टीम मैनेजमेंट में  

Who is Venugopal Rao: आईपीएल सीजन 2025 के लिए, अक्टूबर 2024 में, मेगा नीलामी से पहले से, जेएसडब्ल्यू-जीएमआर ग्रुप का दिल्ली कैपिटल्स टीम के कोचिंग और मैनेजमेंट स्टाफ में बदलाव का सिलसिला अब रुका है। वे कप्तान घोषित करने...

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वह क्रिकेटर जिसने 2 बार सौरव गांगुली की जगह ली- एक बार टीम इंडिया में और अब IPL टीम मैनेजमेंट में  
वह क्रिकेटर जिसने 2 बार सौरव गांगुली की जगह ली- एक बार टीम इंडिया में और अब IPL टीम मैनेजमेंट में   (Image Source: AFP)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Mar 20, 2025 • 10:12 AM

Who is Venugopal Rao: आईपीएल सीजन 2025 के लिए, अक्टूबर 2024 में, मेगा नीलामी से पहले से, जेएसडब्ल्यू-जीएमआर ग्रुप का दिल्ली कैपिटल्स टीम के कोचिंग और मैनेजमेंट स्टाफ में बदलाव का सिलसिला अब रुका है। वे कप्तान घोषित करने वाली सबसे आख़िरी टीम थे। दो ख़ास बदलाव- पूर्व क्रिकेटर हेमांग बदानी अब चीफ कोच और वेणुगोपाल राव क्रिकेट डायरेक्टर (आईपीएल)। दोनों बाहर से नहीं आए- कई साल से इसी टीम का हिस्सा थे पर अलग रोल में। ये वेणुगोपाल राव कौन हैं?

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
March 20, 2025 • 10:12 AM

पहला परिचय- 16 वनडे खेले, डेक्कन चार्जर्स के साथ थे 2008 के पहले सीजन में और 2009 आईपीएल जीतने वाली टीम में भी थे, दिल्ली डेयरडेविल्स (2011-13) के साथ 3 सीज़न और उसके बाद एक सीजन सनराइजर्स हैदराबाद के साथ। दिल्ली ग्रुप की दुबई कैपिटल्स में- पहले सीज़न में मेंटर और अगले सीज़न में क्रिकेट डायरेक्टर। बहरहाल ये कोई ऐसा बड़ा इंट्रो नहीं कि अब एक आईपीएल टीम के क्रिकेट डायरेक्टर बन गए और वह भी सौरव गांगुली जैसे हाई प्रोफाइल व्यक्ति की जगह- सौरव आउट और वेणुगोपाल राव इन। मजे की बात ये कि ये दूसरा मौका है जब उन्होंने सौरव गांगुली की जगह ली है। ग्रेग चैपल जब टीम इंडिया के कोच थे तो गांगुली के टीम से बाहर होने पर (स्लो ओवर-रेट की सजा की वजह से) चैपल ने, वीवीएस लक्ष्मण के दावे को नजरअंदाज कर, धोनी को ओपनर बनाया और मिडिल ऑर्डर में इन्हीं वेणुगोपाल को चुना था।

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अब ये किस्मत की बात है कि वे हाई प्रोफ़ाइल न बने पर ऐसा नहीं कि किस्मत ने उन्हें मौके नहीं दिए। 2000 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। इंग्लैंड के मैट प्रायर, साइमन जोन्स और साजिद महमूद जैसे खिलाड़ी बताएंगे कि वेणुगोपाल कैसे थे? अपने 22वें जन्मदिन से दो दिन पहले, उन्होंने साउथ जोन के लिए, 228* बनाकर इंग्लैंड ए द्वारा दिए 501 रन के लक्ष्य को हासिल किया- ये तब फर्स्ट क्लास क्रिकेट में, हासिल किया, चौथा सबसे बड़ा लक्ष्य था। इंटरनेशनल स्तर पर तब वेणुगोपाल की चर्चा हुई थी। इसी से टीम इंडिया का रास्ता बना पर इस एंट्री का वह फायदा न उठाया जिसकी उम्मीद थी। तब कहते थे वे राहुल द्रविड़ और रॉबिन सिंह का 'मिक्स' हैं पर दोनों में से कोई भी न बने और वनडे करियर सिर्फ एक फिफ्टी (विरुद्ध पाकिस्तान 93 गेंद पर 61*) की चर्चा वाला रह गया।

ये ठीक है कि उस दौर में खेलना अपने आप में कई चुनौती से जूझने वाला था और इसीलिए वे आज के क्रिकेटरों में ग्राउंड के बाहर, अपनी फिटनेस और डाइट के मैनेजमेंट को देख बड़े प्रभावित होते हैं। उन्हें रणजी ट्रॉफी डेब्यू पर प्रति मैच 3500 रुपये मिले पर उन दिनों ये भी बड़ी रकम थी। वे ऐसे परिवार से थे जो पिता की 7000 रुपये की सेलेरी पर चलता था और वे 5 भाई थे। दिक्कतें थीं पर ये भी एक रिकॉर्ड है कि पांचों किसी न किसी स्तर पर आंध्र के लिए क्रिकेट खेले। इनमें से अकेले वेणुगोपाल सीनियर टीम इंडिया के लिए खेले। छोटे भाई ज्ञानेश्वर राव (जो बाद में भारत के अंडर-19 कप्तान भी बने) और वे मिलकर एक बैट से खेलते थे। उस समय तो आंध्र के किसी क्रिकेटर का टीम इंडिया में आना ही तब बहुत बड़ी बात थी।

कुल 121 फर्स्ट क्लास मैच जिनमें 7000+ रन (इनमें 17 स्कोर 100 के और 30 फिफ्टी)। 2005 में टीम इंडिया में बुलाए जाने के बाद अगले 10 महीने में 16 वनडे खेले लेकिन उसके बाद कभी सिलेक्टर की स्कीम का हिस्सा नहीं बन पाए। इसका उन्हें पछतावा है और उन्हें लगता है कि और ज्यादा खेल सकते थे। टेलेंट का सही इस्तेमाल नहीं किया। शायद मेहनत में कमी रही पर सबसे ज्यादा, किसी से सही गाइडेंस न मिलना, जिम्मेदार थे। तब भी, विजाग से 30 किमी दूर एक छोटे से शहर से आए एक व्यक्ति के लिए, अब एक आईपीएल टीम का क्रिकेट डायरेक्टर बनना बहुत बड़ी बात है।

सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण (जिन्हें वे अपने बड़े भाई जैसा कहते हैं) और राहुल द्रविड़ के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर किया। आख़िरी इंटरनेशनल मैच मई 2006 में खेले और उसके बाद आंध्र से फिर से किसी के टीम इंडिया में खेलने का शून्य कई साल चला। इसीलिए वे अब हर युवा खिलाड़ी से कहते हैं- कड़ी मेहनत करो, आपके पास हर सुविधा है। उनके समय में कैंप में खाने के लिए जूझना, किसी तरह रात बिताने जैसा ठहरने का इंतजाम, ट्रेन में सेकंड क्लास में सफर और कई बार तो बिना रिजर्वेशन जबकि आज सब बदल चुका है।

वेणुगोपाल 2014 तक आईपीएल में खेले पर उसके बाद से भी एक अलग तरीके से टूर्नामेंट का हिस्सा रहे हैं- टीवी पर तेलगू में कमेंट्री। ये एक नया प्रयोग था पर इसे पॉपुलर बनाने में ब्रॉडकास्टर वेणुगोपाल के योगदान को नजरअंदाज नहीं करते। आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन से भी जुड़े। 

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- चरनपाल सिंह सोबती  

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