हैदराबाद के खिलाफ दिल्ली के लिए जीत जरूरी
नई दिल्ली, 09 मई (हि.स.)। आईपीएल सात से बाहर होने के कगार पर खडी दिल्ली को यदि प्ले आफ में पहुंचनें की उम्मीद जिंदा रखनी है तो उसे आज हैदराबाद के खिलाफ होने वाले मुकाबले से लेकर बचे हुए सभी मैचों में जीत दर्ज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। आठ मैचों में से केवल दो में जीत से दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम अंक तालिका में निचले पायदान पर बनी हुई है और कोई चमत्कार ही उसे यहां से टी20 टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में जगह दिला सकता है।
दिल्ली के लिये घरेलू मैदान पर खेलना भी दुखद साबित हुआ। उन्होंने अभी तक फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गये पिछले तीन मैचों में से एक में भी जीत दर्ज नहीं की है। दिल्ली ने संयुक्त अरब अमीरात के चरण में ही दो जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले तीन घरेलू मैचों में हार की ‘हैट्रिक’ उसके लिये काफी नुकसानदायक साबित हुई। पहले घरेलू मैच में उसे राजस्थान रायल्स ने सात विकेट से मात दी। इसके बाद चेन्नई सुपरकिंग्स और कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ हुए दोनों मैचों में उन्हें आठ विकेट से पराजय झेलनी पडी। टीम का मनोबल काफी गिरा हुआ है और टीम अपना भाग्य बदलने के लिये कुछ विशेष की उम्मीद करेगी।
दिल्ली के बल्लेबाज भी अभी तक नहीं चल सके हैं और गेंदबाजों का प्रभावहीन प्रदर्शन भी टीम के लिये बुरा ही रहा है, जिसमें मोहम्मद शमी, वेन पार्नेल, सिद्धार्थ कौल और शाहबाज नदीम शामिल हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स के स्टार खिलाडी और कप्तान केविन पीटरसन की खराब फार्म ने टीम की मुश्किलों को बढा दिया है। पीटरसन अभी तक पांच पारियों में केवल 62 रन ही बना सके हैं जो लचर प्रदर्शन है। गैरी कस्र्टन ने आईपीएल की टीम के साथ अपने पहले कोचिंग कार्यकाल में ऐसी शुरुआत की उम्मीद नहीं की होगी।
वहीं दूसरी ओर सनराइजर्स हैदराबाद की टीम पिछले मैच में राजस्थान रायल्स पर मिली 32 रन की मनोबल बढाने वाली जीत के बाद आत्मविश्वास से भरी होगी, जिससे टीम शीर्ष चार टीमों की दौड में बनी हुई है। सनराइजर्स सात मैचों में तीन जीत से पांचवें स्थान पर है।हालांकि डेयरडेविल्स की तरह सनराइजर्स हैदराबाद की बल्लेबाजी भी अनिंरतर रही है, जो बीती रात राजस्थान के खिलाफ मैच में दिखायी दिया क्योंकि शिखर धवन की अगुवाई वाली टीम अपने निर्धारित 20 ओवर में नौ विकेट पर केवल 134 रन ही बना सकी, लेकिन उसके गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन कर टीम को बचा लिया, जिसकी अगुवाई युवा भुवनेश्वर कुमार (14 रन देकर चार विकेट) ने की और उन्होंने राजस्थान को महज 102 रन पर समेट दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील