राहुल द्रविड़ को मनाते- मनाते हार मान चुके थे सौरव गांगुली, फिर ऐसे माने 'द वॉल'

Updated: Mon, Dec 06 2021 09:11 IST
Sourav Ganguly and Rahul Dravid (Image Source: Google)

राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) टीम इंडिया  के हेड कोच हैं।  बीसीसीआई (BCCI) अध्‍यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने इस बात को लेकर खुलकर बातचीत की है कि कैसे उन्होंने दिग्गज राहुल द्रविड़ को कोच बनाने के लिए राजी किया। वहीं गांगुली ने इस बात का भी जिक्र किया कि राहुल द्रविड़ को मनाना बिल्कुल भी आसान नहीं था।

सौरव गांगुली ने कहा कि एक वक्त ऐसा भी आया था जब वह राहुल द्रविड़ को मनाते- मनाते हार मान चुके थे।

बोरिया मजूमदार के इंटरव्‍यू (बैकस्‍टेज विथ बोरिया) में बातचीत के दौरान सौरव गांगुली ने कहा, 'हमारे दिमाग में लंबे समय से राहुल द्रविड़ का नाम था। मैं और जय दोनों इस पर राजी थे, लेकिन द्रविड़ इसके लिए तैयार नहीं थे। क्योंकि अगर वह कोच बनते तो फिर उन्हे नेशनल ड्यूटी के कारण घर से दूर रहना पड़ता जबकि उनके दो युवा बेटे हैं।'

सौरव गांगुली ने आगे कहा, 'एक समय ऐसा आया जब हम हार मान चुके थे। हम तैयार थे कि राहुल द्रविड़ एनसीए के अध्‍यक्ष दोबारा बनें और हम उस पर ध्‍यान देने लगे थे। हमने द्रविड़ का इंटरव्‍यू और आवेदन किया और वह एनसीए अध्‍यक्ष बने। मगर उनके नियुक्‍त होने के बाद भी हम उन्‍हें कहते रहे कि कोचिंग का ऑफर अपना लें।'

सौरव गांगुली ने राहुल को फोन कर बताया कि खिलाड़‍ियों का भी उनके प्रति झुकाव है।

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सौरव गांगुली ने कहा, 'जब हमने खिलाड़‍ियों से बातचीत की वो किस तरह का व्‍यक्ति को बतौर कोच चाहते हैं तो स्‍पष्‍ट दिखा कि राहुल की तरफ उनका झुकाव है। मैंने निजी तौर पर कई बार राहुल से बातचीत की। मैंने उनसे कहा कि मुझे पता है कि यह मुश्किल है, लेकिन एक या दो साल करके तो देखो, अगर आपको ज्‍यादा परेशानी हुई तो हम कोई और रास्‍ता निकालेंगे। भाग्य की बात है कि द्रविड़ मान गए। मुझे नहीं पता कि उनका मन कैसे बदला, लेकिन वह राजी हो गए।'

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