इशांत शर्मा का खुलासा, बोले जेम्स फॉल्कनर से 30 रन खाने के बाद बच्चे की तरह रोया था
नई दिल्ली, 5 अगस्त | भारत के शीर्ष तेज गेंदबाज इशांत शर्मा वनडे क्रिकेट में वापसी करना चाहते हैं और उनकी ख्वाहिश विश्व कप टीम का हिस्सा बनने की है। इशांत के लिए विश्व कप भाग्यशाली नहीं रहे हैं। वह विभिन्न कारणों से 2011, 2015, 2019 विश्व कप नहीं खेल सके।
ईएसपीएनक्रिकइंपो के शो क्रिकेटबाजी पर इशांत ने कहा, "मैं विश्व कप खेलना पसंद करूंगा। मैं विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बनना चाहता हूं।"
उन्होंने कहा, "हम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप खेल रहे हैं जो टेस्ट क्रिकेट में विश्व कप के बराबर है। लेकिन कई लोग इसको फॉलो नहीं करते जबकि वनडे विश्व कप को सभी फॉलो करते हैं। इसलिए उम्मीद है..देखते हैं।"
उन्होंने कहा, "2011 में मैं वनडे टीम का नियमित सदस्य था लेकिन टीम से बाहर कर दिया गया और उसी साल विश्व कप टीम में से भी हटा दिया गया। मैं कारण नहीं जानता। गैरी कस्टर्न भारतीय टीम के कोच थे और उन्हें लगा कि मेरे साथ कुछ समस्या है।"
दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने बताया, "मैंने उनसे कहा कि मैं ठीक हूं लेकिन उन्होंने मानने से मना कर दिया क्योंकि वह मेरे चेहरे पर हंसी नहीं देख रहे थे। मैंने क्रिकेट को हमेशा अपनी जिंदगी माना है। अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा तो मैं खुश रहूंगा और नहीं करूंगा तो दुखी रहूंगा। तब गैरी कस्टर्न सहित सभी लोग मुझे समझा रहे थे कि क्रिकेट मेरी जिंदगी नहीं है, सिर्फ इसका हिस्सा है।"
उन्होंने उस मैच को याद किया जहां आस्ट्रेलिया के जेम्स फॉल्कनर ने मोहाली में उनके एक ओवर में 30 रन बनाए और आस्ट्रेलिया को जीत दिलाई।
इशांत ने कहा, "मेरे जीवन का टनिर्ंग प्वाइंट 2013 रहा जब जेम्स फॉल्कनर ने मोहाली में खेले गए वनडे मैच में मेरे एक ओवर में 30 रन बना डाले और आस्ट्रेलिया को जीत दिलाई। मुझे लगा कि मैंने अपने और अपने देश का धोखा दिया। मैं दो सप्ताह तक किसी से नहीं बोला था।"
उन्होंने कहा, "हालांकि मैं सख्त हूं लेकिन मैं काफी रोया। मैंने अपनी प्रेमिका को फोन किया और बच्चों की तरह रोया। मैंने खाना खाना बंद कर दिया था। मैं किसी भी चीज पर फोकस नहीं कर पा रहा था। मैं टीवी चालू करता था और देखता था कि लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं जिसने मुझे और ज्यादा परेशान किया।"
उन्होंने कहा, "लेकिन, उस चीज ने मेरे लिए अच्छा काम किया। कई बार आपको अपने जुनून को समझने के लिए इस तरह के झटकों की जरूरत होती है। फॉल्कनर वाली घटना से पहले अगर मैं बुरा प्रदर्शन करता तो लोग मेरे पास आते और कहते कि ठीक है, यह होता रहता है। लेकिन 2013 के बाद से मैं अपने कामों की जिम्मेदारी लेने लगा। जब आप अपने कामों की जिम्मेदारी लेना शुरू कर देते हैं तो आप हर मैच जीतने के लिए खेलते हैं।"
इशांत ने कहा कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उनका समर्थन किया और कभी उनके विकल्प पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा, "धोनी ने हमेशा मेरा समर्थन किया। 50-60 टेस्ट मैच के बाद भी उन्होंने मेरा विकल्प कभी नहीं ढूंढ़ा। अभी तक मैं औसत और स्ट्राइक रेट को नहीं समझ सका हूं। मैं कभी इन चीजों को लेकर परेशान नहीं हुआ।"