'मुझे मेरे पैरेंट्स के सामने पर्ची कह देते हैं', Nepotism पर छलका इमाम उल हक का दर्द

Updated: Wed, Aug 23 2023 14:32 IST
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आगामी एशिया कप और वर्ल्ड कप में इमाम उल हक पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए काफी अहम खिलाड़ी होने वाले हैं। इस समय इमाम शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और उनका ये फॉर्म बाकी टीमों के लिए खतरे की घंटी है। इमाम ने पाकिस्तानी टीम में एक वनडे ओपनर के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली है लेकिन उनको पाकिस्तानी टीम में खेलता देख कुछ आलोचक उन पर भाई-भतीजावाद (Nepotism) के ताने भी मारते हैं।

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंज़माम उल हक इमाम के चाचा हैं और ट्रोलर्स को लगता है कि इमाम पाकिस्तानी टीम में उन्हीं की वजह से खेल रहे हैं। हालांकि, ये एक गलत धारणा है क्योंकि अगर आप आंकड़े देखेंगे तो आप समझ जाएंगे कि इमाम ने लगातार पाकिस्तानी टीम के लिए रन बनाए हैं लेकिन नेपोटिज्म का टैग इमाम का पीछा शायद कभी नहीं छोड़ेगा। अब इमाम ने खुद नेपोटिज्म पर खुलकर बात की है और ये खुलासा किया है कि लोग उन्हें उनके माता पिता के सामने भी पर्ची कहकर चले जाते हैं।

डेनियल शेख के पॉडकास्ट पर बात करते हुए इमाम ने कहा, “जब मैं अपने परिवार के साथ डिनर के लिए बाहर जाता था, तो वो लोग आते थे और मेरे माता-पिता के सामने मुझे पर्ची कहकर बुलाते थे। मैं अपने परिवार के साथ नंदो में बैठा होता और वहां युवा छात्र चुटकी लेते हुए कहते, 'देखो, पर्ची वहां बैठा है।' जब ये होता था तो मुझे सबसे बुरा लगता था। 'मेरे माता-पिता मुझे खेलते हुए देखना चाहते थे, लेकिन उन्होंने मुझे एक बार भी किसी आयोजन स्थल पर खेलते हुए नहीं देखा। यहां तक कि मैं भी नहीं चाहता कि जब मैं बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहा हूं तो मेरी मां को कोई 'पर्ची' शब्द सुनाए। ये सब मेरे लिए सामान्य है। जब भी मैं सस्ते में आउट हो जाता हूं तो वो ये नहीं देखेंगे कि मैंने अपने अतीत में क्या हासिल किया है, बल्कि सिर्फ बकवास करते हैं। मैं नहीं चाहता कि मेरा परिवार इसके संपर्क में आए।”

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इमाम ने ये भी कहा कि उनकी बहन ने पहली बार उन्हें खेलते हुए हाल ही में 2022 में देखा था। आगे बोलते हुए इमाम ने कहा, “पहली बार मेरी बहन ने मुझे खेलते हुए 2022 में देखा था, जब वेस्टइंडीज (वनडे) और इंग्लैंड (एक टेस्ट मैच) दोनों मुल्तान में खेले थे। तब तक मैं टीम का एक वरिष्ठ सदस्य था। सच ये है कि मेरा परिवार मैचों में शामिल नहीं हो सका, ये मेरे लिए मानसिक यातना थी।”

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