दो अहम खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में, क्या एमसीजी में आस्ट्रेलिया को हरा पाएगा भारत?

Updated: Thu, Dec 24 2020 21:55 IST
Indian Cricket Team (Image Source: Google)

भारत और आस्ट्रेलिया के बीच जारी चार मैचों की टेस्ट सीरीज का फोकस अब मेलबर्न पर शिफ्ट हो गया है, जहां 26 दिसम्बर से दोनों टीमों के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। चार मैचों की सीरीज में मेजबान टीम 1-0 से आगे है। आस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में भारत को 8 विकेट से हराया था। भारतीय टीम दूसरी पारी में 36 रनों पर आउट हो गई थी, जो टेस्ट क्रिकेट में उसका न्यूनतम योग है।

उस मैच में कप्तान विराट कोहली ने 74 रनों की पारी खेली थी। अब कोहली टीम के साथ नहीं हैं। वह पहले बच्चे के जन्मे के लिए स्वदेश लौट चुके हैं। उनकी गैरमौजूदगी में अजिंक्य रहाणे टीम की कमान सम्भालेंगे। इस टीम में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी भी नहीं होंगे। शमी कलाई टूटने के बाद स्वदेश लौट चुके हैं।

दो अहम खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में अब भारत के सामने सीरीज में वापसी करने का कठिन होमवर्क है। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि भारत का मेलबर्न क्रिकेट मैदान पर रिकार्ड क्या रहा है। भारत ने यहां अब तक कुल 13 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से वह आठ हार गया है।

आस्ट्रेलिया आकर खेलने वाली दूसरी टीमों की तुलना में इस मैदान पर भारत का रिकार्ड बेहतर है और इसी कारण यह मानकर चला जा सकता है कि भारतीय टीम अगर अपनी क्षमता के साथ न्याय करने में सफल रही तो वह आस्ट्रेलिया को हरा सकती है।

भारत ने मेलबर्न में तीन मैच जीते हैं और दो ड्रॉ भी किए हैं। साल 2018 में भारत के लिए चेतेश्वर पुजारा ने इस मैदान पर शनदार शतक लगाया था। पुजारा मौजदा टीम का हिस्सा हैं और कोहली की गैरमौजूदगी में उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। ऐसे में उनके एक बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही है।

अगर दूसरी तरह से देखा जाए तो बीते कुछ सालों में भारत में आस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन किया है। 2018-19 में भारत ने आस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया था और मेलबर्न में मिली जीत इसमें अहम रोल निभाती है।

बीते दो मैचों की बात की जाए तो भारत इस मैदान पर हारा नहीं है। 2018 की याद भारतीय खिलाड़ियों के जेहन में अभी भी ताजा है और उस जीत में अहम भूमिका निभाने वाले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को एक बार फिर मैच जिताऊ प्रदर्शन करना होगा।

बुमराह ने मेलबर्न में साल 2018 में कुल नौ विकेट लिए थे और आस्ट्रेलिया को 137 रनों की करारी शिकस्त को बाध्य किया था। इसके अलावा साल 2014 में भारत ने आस्ट्रेलिया को इस मैदान पर ड्रॉ पर रोका था और उस मैच में कोहली के अलावा रहाणे ने अपनी चमक बिखेरी थी।

रहाणे ने पहली पारी में शतक लगाने के अलावा दूसरी पारी में अहम 48 रन बनाए थे। अब रहाणे टीम के कप्तान हैं और उम्मीद है कि वह अपनी टीम को बल्ले से प्रेरित करने के अलावा मनोवैज्ञानिक तौर पर एक और जीत के लिए तैयार करेंगे।

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