'अगर बॉल छोड़ूंगा तो बोर हो जाऊंगा', श्रेयस अय्यर का बोरिंग क्रिकेट खेलने से इनकार
भारतीय मध्यक्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर हाल ही में समाप्त हुई साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा थे लेकिन बल्ले से वो अपनी छाप छोड़ने में असफल रहे। अय्यर ने अफ्रीका की उछाल भरी पिचों पर भी अटैकिंग क्रिकेट खेलनाज जारी रखा लेकिन वो सफल ना हो सके। अब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को लेकर एक बयान दिया है जो काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
अय्यर ने टेस्ट मैचों में गेंद छोड़ने पर बोलते हुए कहा कि ये उन्हें "बोरिंग" बनाता है। अपनी आक्रामक शैली के लिए जाने जाने वाले अय्यर ने नकारात्मक गेंदबाजी रणनीति के खिलाफ भी आक्रामक शॉट खेलने को प्राथमिकता दी। रणजी ट्रॉफी में आंध्र प्रदेश पर मुंबई की 10 विकेट की जीत के बाद, अय्यर ने ये बयान दिया।
मुंबई के लिए नंबर 5 पर बल्लेबाजी करते हुए, उन्होंने सात चौकों की मदद से 48 गेंदों में तेजी से 48 रन बनाए। मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, अय्यर ने किसी भी खेल की स्थिति में आक्रामक दृष्टिकोण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “चाहे परिस्थिति कुछ भी हो, मैं आक्रामक रवैया अपनाऊंगा। शुरुआत में रक्षात्मक और सुरक्षित गेंदबाजी का सामना करते समय, लक्ष्य रन बनाना और टीम को एक निश्चित चरण तक ले जाना होता है। ये मेरी मानसिकता थी और मैं इस पर कायम रहा। अंतिम स्कोर की परवाह किए बिना, मैं खुश था।”
उन्होंने आगे बोलते हुए कहा, ''उन्होंने रक्षात्मक गेंदबाजी की और मेरी ताकत को सीमित कर दिया। छोटी गेंदों से शुरुआत करने के बावजूद मैंने उन्हें रनों के लिए बाउंड्री में बदल दिया। उनके लगातार नकारात्मक दृष्टिकोण का सामना करते हुए, मुझे स्ट्रोक्स खेलने पड़े, गेंद छोड़ने से मैं ऊब जाता। इसलिए, मैंने परिस्थितियों को देखते हुए आक्रामक शॉट्स का विकल्प चुना।”
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हाल ही में अफगानिस्तान के खिलाफ भारत की टी-20 सीरीज में अय्यर को नहीं चुना गया है लेकिन आगे देखते हुए, अय्यर की अगली महत्वपूर्ण चुनौती इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज हो सकती है और उन्हें इस सीरीज के लिए चुना जा सकता है।