पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर के निधन पर सचिन तेंदुलकर ने ऐसा किया याद, कही ये खास बात

Updated: Thu, Aug 16 2018 15:30 IST
पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर के निधन पर सचिन तेंदुलकर ने ऐसा किया याद, कही ये खास बात Images (अजीत वाडेकर)

16 अगस्त। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर के निधन पर शोक जताया। वाडेकर का 15 अगस्त को मुंबई में निधन हो गया था। वह 77 साल के थे।  दिनेश कार्तिक की वाइफ दीपिका हैं बहुत खूबसूरत, देखें PICS 

आक्रामक बल्लेबाज के रूप में पहचाने जाने वाले वाडेकर की कप्तानी में भारत ने 1971 में पहली बार इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज जीती थी। उनके ही नेतृत्व में 24 अगस्त 1971 को भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया था। यह इंग्लैंड की धरती पर भारत की पहली टेस्ट जीत थी।

 


इससे पहले 1968 में न्यूजीलैंड दौरे पर भारतीय टीम के लिए पहले टेस्ट मैच में वाडेकर ने दोनों पारियों में (80 और 71) सबसे अधिक रन बनाए थे। इस मैच में भारत ने पांच विकेट से जीत हासिल की थी। इसके बाद वेलिंग्टन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में वाडेकर की ओर से खेली गई शानदार 143 रनों की पारी के दम पर भारत ने टेस्ट सीरीज में दूसरा मैच जीता था। 

वाडेकर की बदौलत भारत ने चौथे टेस्ट मैच में बाजी मारते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज 3-1 से अपने नाम की। 

भारत सरकार ने वाडेकर को 1967 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा था। इसके बाद 1972 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। बीसीसीआई ने उन्हें 2011 में सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा। 

उनके निधन पर शोक जताते हुए बीसीसीआई के कार्यकारी मानक सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा, "उनके निधन ने एक बड़ा खालीपन छोड़ दिया है। पहले एक बल्लेबाज और उसके बाद एक कप्तान के रूप में उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊचाइंयों तक पहुंचाया। इसके बाद उन्होंने एक कोच, प्रबंधक और चयनसमिति के चेयरमैन के रूप में क्रिकेट जगत में अपना योगदान जारी रखा।"

बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने कहा, "वाडेकर को हमेशा भारतीय क्रिकेट को पुन:जीवनदान देने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा। उस समय वेस्टइंडीज और इंग्लैंड बेहद मजबूत टीमें थीं और उन टीमों को हरा पाना असंभव था। वाडेकर के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट ने इस असंभव को संभव कर दिखाया। इस उपलब्धि के बाद से भारतीय क्रिकेट का विकास होता रहा।"

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