इंडिया का वो क्रिकेटर जिसे विज़्डन मरा हुआ मानती है, 37 सालों से नहीं मिला शरीर
लोगों के दिमाग को थ्रिलर और सस्पेंस टाइप की कहानियां काफी अट्रेक्ट करती हैं। यही वजह है कि हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक फिल्ममेकर ऐसी ही कहानी परोसने की कोशिश करते हैं जो आपको रोमांचित कर दे। इसी कड़ी में हम आपके सामने लेकर आए हैं ऐसे गुमनाम क्रिकेटर की सच्ची कहानी जिसको सुनने के बाद आपके हाथ-पैर फूल जाएंगे। ये एक ऐसा केस है जो क्रिकेट फैंस को काफी हद तक परेशान कर सकता है।
हम बात कर रहे हैं कोटर रामास्वामी नाम के उस खिलाड़ी की जो एक रोज घर से निकले और फिर कभी वापस ही नहीं लौटे। कुछ साल बीते और द बाइबिल ऑफ़ क्रिकेट विज़्डन ने इस खिलाड़ी को मृत मान लिया। लेकिन, फैंस को ये बात बिल्कुल ठीक नहीं लगी तो विज़्डन को रामास्वामी को मृत मानने से इनकार करना पड़ा। हालांकि, अब 'विजडन' भी उन्हें 'डेड' घोषित कर चुकी है।
आज तक नहीं मिला रामास्वामी का शरीर
आज तक कोटर रामास्वामी की डेड बॉडी नहीं मिल पाई है। ये खिलाड़ी कहां गया? धरती निगल गई या फिर आसमान खा गया आज तक कुछ भी साफ नहीं हो सका है। कोटर रामास्वामी का जन्म 16 जून, 1896 को मद्रास में हुआ था। कोटर रामास्वामी के पिता बुची बाबू नायडू थे और उनका फैमिली बैकग्राउंड क्रिकेट का ही था। उन्होंने शुरुआत में मद्रास के लिए अलग-अलग लेवल पर क्रिकेट खेली।
इंग्लैंड के खिलाफ किया डेब्यू
1936 के इंडिया टूर ऑफ इंग्लैंड में कोटर रामास्वामी को टीम इंडिया में जगह मिली। घरेलू क्रिकेट के एक सीजन में उनके बल्ले से 737 रन निकले थे। ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में इस खिलाड़ी ने डेब्यू किया। डेब्यू के वक्त कोटर रामास्वामी की उम्र 40 साल और 37 दिन थी। ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर रामास्वामी ने अपने बल्ले का जौहर दिखाया। पहली पार में 40 और दूसरी पारी में उनके बल्ले से 60 रन निकले।
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टेनिस में भी बोलती थी रामास्वामी की तूती
कोटर रामास्वामी ने भारत के लिए 2 टेस्ट मैच खेले जिसमें 56.67 की औसत से उनके बल्ले से 170 रन निकले। ये खिलाड़ी क्रिकेट के अलावा टेनिस में भी टॉप पर था। साल 1920 के आसपास इस खिलाड़ी ने भारत के लिए डेविस कप खेला था। इसके अलावा रामास्वामी ने विम्बलडन में भी शिरकत कर चुके हैं।