आईसीसी टूनार्मेंटों में विश्व क्रिकेट का नया चोकर बन गया है भारत?

Updated: Sun, Dec 11 2022 01:22 IST
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लम्बे समय तक दक्षिण अफ्रीका की विश्व कप के नॉक आउट चरण में लड़खड़ाने के लिए आलोचना की जाती रही थी लेकिन अब लगता है भारत विश्व क्रिकेट का नया चोकर बन गया है और उसने दक्षिण अफ्रीका की जगह ले ली है।

भारत ने पिछले एक दशक में द्विपक्षीय सीरीज में बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन यह आईसीसी टूर्नामेंटों और उसके नॉकआउट चरण हैं जहां सुपरस्टारों से भरी टीम लड़खड़ा जाती है और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे पाती।

भारत ने आखिरी बार 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी लेकिन उसके बाद से कप्तान, कोच और खिलाड़ी बदले गए हैं लेकिन भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को भारत को फिर से ट्रॉफी उठाते देखने का मौका नहीं मिल पाया है।

भारत 2014 के टी20 विश्व कप में फाइनल में श्रीलंका से हार गया, 2015 में 50 ओवर के विश्व कप में सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया, 2016 में टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज से हार गया, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से हार गया और 2019 में 50 ओवर के विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हार गया।

इसके बाद भारत 2021 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के इंग्लैंड में हुए फाइनल में न्यूजीलैंड से हार गया।

2021 में टी20 विश्व कप में विराट कोहली और रवि शास्त्री के तहत भारत ग्रुप चरण से आगे नहीं जा पाया। इस निराशाजनक अभियान के बाद महान कपिल देव ने स्वीकार किया कि भारतीय टीम को चोकर्स कहा जा सकता है।

2021 में प्रशंसकों को उम्मीद थी कि नए कप्तान रोहित शर्मा अपनी आईपीएल कामयाबी के बाद कुछ चमत्कार कर दिखाएंगे लेकिन पूरे टूर्नामेंट के दौरान वह भारी दबाव में नजर आये और इंग्लैंड के ओपनरों का उनके पास कोई जवाब नहीं था।

खराब टीम चयन, एकतरफा ²ष्टिकोण, फेल होने का डर और बड़े मैचों का दबाव और आत्मविश्वास की कमी भारत की असफलता के बड़े कारण रहे।

अधिकतर क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इतनी प्रतिभा होने के बावजूद निडर शैली की क्रिकेट नहीं खेल पाया, जिसका कारण खिलाड़ियों पर टीम में अपना स्थान बनाये रखने का दबाव था।

करोड़ों प्रशंसकों का दबाव और अत्यधिक क्रिकेट कुछ ऐसे कारण हैं जहां खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन का आत्ममंथन करने का समय नहीं मिल पाता है।

भारत 2023 में वनडे विश्व कप का मेजबान है इस समय वह जैसा प्रदर्शन कर रहा है उससे प्रशंसकों को उम्मीद कम दिखाई देती है। अब जागने और कुछ कार्रवाई करने का समय आ गया है वरना फिर देर हो जायेगी।

करोड़ों प्रशंसकों का दबाव और अत्यधिक क्रिकेट कुछ ऐसे कारण हैं जहां खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन का आत्ममंथन करने का समय नहीं मिल पाता है।

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आरआर

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