'पृथ्वी शॉ को Baby Sitting नहीं करवा सकते', शॉ को लेकर ये क्या बोल गए श्रेयस अय्यर
भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे युवा पृथ्वी शॉ के लिए ये साल किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। ना तो वो भारतीय टीम में वापसी करने में सफल रहे और ना ही उन्हें आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में किसी टीम ने खरीदा। शॉ ने अपना बेस प्राइस 75 लाख रखा था लेकिन इसके बावजूद उन्हें किसी भी टीम ने नहीं खरीदा। इतना ही नहीं, अक्टूबर 2024 में, रणजी ट्रॉफी के पहले चरण के दौरान, शॉ को मुंबई की टीम से भी बाहर कर दिया गया था।
शॉ ने चार पारियों में सिर्फ 59 रन बनाए थे जिसके बाद उन्हें मुंबई की टीम से बाहर कर दिया गया और उन्होंने अनुशासन और फिटनेस संबंधी चिंताओं के चलते भी खूब सुर्खियां बटोरी। पृथ्वी शॉ ने हाल ही में श्रेयस अय्यर की कप्तानी में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (एसएमएटी 2024) में मुंबई के लिए खेला और ट्रॉफी जीतने में अहम भूमिका निभाई।
25 वर्षीय शॉ ने विदर्भ के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में 26 गेंदों पर 49 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। हालांकि, सेमीफाइनल और फाइनल में उन्होंने क्रमशः 8 और 10 रन ही बनाए। ट्रॉफी जीतने के बाद श्रेयस ने पृथ्वी को सलाह भी दी और कहा कि अगर वो अपनी कार्यशैली सही रखें तो उनके लिए आसमान की कोई सीमा नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि सलामी बल्लेबाज के लिए ये समझना महत्वपूर्ण है कि उसे क्या करने की जरूरत है और अपने करियर को पटरी पर लाने के लिए उस पर काम करना चाहिए।
क्रिकबज ने अय्यर के हवाले से कहा, "मुझे लगता है कि व्यक्तिगत रूप से वो ईश्वर द्वारा प्रदत्त खिलाड़ी है। एक व्यक्ति के रूप में उसके पास जितनी प्रतिभा है, उतनी किसी और के पास नहीं है। ये सच है। बस उसे अपने काम के तरीके में सुधार करने की जरूरत है और मैंने पहले भी कई इंटरव्यूज़ में ये कहा है। उसे अपने काम के तरीके में सुधार करने की जरूरत है और अगर वो ऐसा करता है, तो आप जानते हैं कि उसके लिए आसमान की सीमा है। क्या आप उसे मजबूर कर सकते हैं? मैं उसे मजबूर नहीं कर सकता। उसने बहुत क्रिकेट खेला है और सभी ने उसे इनपुट दिए हैं। आखिरकार, ये उसका काम है कि वो मैदान पर जाए और खुद के लिए चीजों का पता लगाए।"
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अपनी बात खत्म करते हुए अय्यर ने कहा, "हम किसी को बेबी सिट नहीं करवा सकते, है न? हर पेशेवर खिलाड़ी जो इस स्तर पर खेल रहा है, उसे पता होना चाहिए कि उसे क्या करना चाहिए और उसने अतीत में भी ऐसा किया है। ऐसा नहीं है कि उसने ऐसा नहीं किया है। उसे ध्यान केंद्रित करना होगा। उसे पीछे बैठना होगा, सोचना होगा और फिर खुद को समझना होगा। उसे जवाब मिल जाएगा। कोई भी उसे कुछ करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।"