Cricket Tales - उस दिन कमेंटेटर भी बोले, मोइन मेंटल हो गया है!

Updated: Sun, Aug 28 2022 13:29 IST
Cricket Tales (Image Source: Google)

ये टी20 का दौर है- बल्लेबाज किस तेजी से रन बना सकते हैं इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। जब टी20 नहीं थे- उस दौर में खेले थे 2000 का एशिया कप। उसमें मोइन खान ने एक ऐसी पारी खेली कि बर बस कमेंटेटर के मुंह से निकल गया- मोइन मेंटल हो गया है। कमाल का खेले थे उस दिन मोइन।

भारत खेला था पर फाइनल में नहीं पहुंचे। 2000 तक भारत और श्रीलंका दोनों ही आम तौर पर टूर्नामेंट में पाकिस्तान पर हावी थे। इस बार, पाकिस्तान का इरादा कुछ और था- लगातार तीन मैच जीतने के बाद, चौथी जीत की भूख साफ़ दिखाई दे रही थी। 7 जून 2000- एशिया कप फाइनल पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच। दिन की शुरुआत श्रीलंका के सैनिकों की स्मृति में दो मिनट के मौन के साथ हुई और अंत पाकिस्तान के पहली बार एशिया कप जीतने के जश्न के साथ। पाकिस्तान ने 39 रन से रोमांचक जीत हासिल की।

ढाका का बंगबंधु नेशनल स्टेडियम खचाखच भरा था- जबर्दत शोर। मोइन ने जो किया, उससे सीधे 1992 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में उनकी बल्लेबाजी की याद ताजा हो गई- मानो वे रिप्ले दिखा रहे थे। उन दिनों में 80-85 का स्ट्राइक रेट ही बहुत अच्छा माना जाता था पर मोइन ने तो वर्ल्ड कप में 111 का स्ट्राइक रेट दर्ज किया था। मोइन खान थे तो विकेटकीपर पर ढाका में 31 गेंदों में 56* रन ठोक दिए और पाकिस्तान का स्कोर 277-4 पर पहुंचा दिया। 1992 में, ऑकलैंड में, मोइन खान ने न्यूजीलैंड को वर्ल्ड कप से बाहर किया था और 7 जून 2000 को, 8 साल बाद, यही सलूक श्रीलंका से आए क्रिकेटरों के साथ किया।

सईद अनवर ने 82 शानदार रन बनाए। सईद जब आउट हुए तो 40वें ओवर में एक गेंद बची थी और स्कोर था 173-4 का। उनके बाद 'मुल्तान सुल्तान' इंजमाम उल हक ने बल्लेबाजी की कमान संभाली। धीमी शुरुआत की और उस पर चोट भी लग गई। नतीजा- रनर आ गया और ये इंजमाम के लिए इशारा था कि स्टंप्स पर खड़े रहो और हिट करो। एथलेटिक इमरान नजीर रनर थे इंजमाम के और मोइन के साथ उनका ताल-मेल ऐसा बैठा कि पांचवें विकेट के स्टैंड में, 10 ओवर और एक गेंद में 104 रन जोड़ दिए। ये पाकिस्तान को कप में जीत दिलाने वाली पार्टनरशिप थी।

आखिरी 5 ओवर के दौरान मोइन छा गए- हर तरह का स्ट्रोक लगा दिया। 3 चौके और 4 छक्के लगाए इस दौरान। बिना प्रैक्टिस, रिवर्स स्वीप शॉट भी खेले। तब कमेंटेटर बोल पड़े थे- मोइन मेंटल हो गया है। और कमाल- बिना हेलमेट खेल रहे थे और उनके हाथ में बैट ऐसे था जैसे टेनिस में फोरहैंड खेलने वाले के हाथ में रैकेट। शॉट खेलने के लिए, उस दिन शायद फिजिक्स के सिद्धांत भी गलत साबित करते हुए वे सही स्थिति में आ जाते थे।

सबसे कमाल का था मुथैया मुरलीधरन की गेंद पर छक्का- मुरली ने गेंद को उछाला, मोइन एक ही झटके में गेंद की पिच पर पहुंचे और उसे सीधा, तेज और ऐसा सपाट मारा कि गेंद ऊंची नहीं गई- जमीन के लगभग समान्तर (parallel) और बाउंड्री के बाहर सीधे साइट स्क्रीन से जा टकराई। इसे आज तक सबसे बेहतरीन 6 में से एक गिनते हैं। पारी की आखिरी गेंद पर लॉन्ग ऑन पर छक्का लगाया तो दूसरे सिरे पर इंजमाम 66 गेंद में 72* पर थे।

बाक़ी की कसर श्रीलंका ने अपनी घटिया फील्डिंग से पूरी कर दी- 6 कैच छूटे और इनका पूरा फायदा उठाया अनवर, इंजमाम और मोइन खान ने। आख़िरी 10 ओवर जयसूर्या और उनकी टीम के लिए किसी बुरे सपने जैसे थे और मोइन खान ने अपनी शानदार पारी से मैच जीत लिया।

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