Cricket Tales - एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के उस मैच में जो हुआ वैसा कभी नहीं हुआ

Updated: Thu, Sep 15 2022 19:28 IST
India vs Pakistan 1984 Asia Cup (Image Source: Google)

Cricket Tales - लंबी फेहरिस्त हैं रोमांचक भारत-पाकिस्तान मैचों की और पता नहीं क्यों, आम तौर पर, इन दोनों टीम के बीच, उन मैचों को रोमांचक गिना जाता है जिनमें कोई विवाद हुआ हो। एशिया कप का पहला सीजन यानि कि 1984- बड़ा अजीब टूर्नामेंट था। 3 टीम और चैंपियन तय करने के लिए 3 मैच और उस पर गणित ये था कि दो मैच के बाद ही ये लगभग तय हो चुका था कि कप भारत ने जीत लिया है।

टूर्नामेंट 6 अप्रैल 1984 को शुरू हुआ था। पहला मैच- श्रीलंका ने पाकिस्तान पर सनसनीखेज जीत के साथ शुरुआत की। दूसरे मैच में भारत ने श्रीलंका को रौंद डाला। अब आया तीसरा और निर्णायक लीग मैच। भारत की टीम में कपिल देव नहीं थे और पाकिस्तान की टीम में इमरान खान नहीं। पाकिस्तान को न सिर्फ जीत की, एक बड़ी जीत की जरूरत थी। इसलिए पहले ही मान लिया था कि भारत के नाम रहेगा टाइटल।

भारत का स्कोर 46 ओवर में 188-4 और पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ पांच भारतीय बल्लेबाज ने बैटिंग की। भारत की इसी पारी के दौरान एक बड़ी अजीब बात हुई जिसका मैच की रिपोर्टिंग में आज कहीं जिक्र तक नहीं मिलता।

मैच वास्तव में 50 ओवर वाले थे जिसमें एक गेंदबाज के हिस्से में अधिकतम 10 ओवर। इस नाते अब्दुल कादिर का स्पैल 10-3-36-0 के रिकॉर्ड के साथ, पूरा हो चुका था। जो दो अंपायर ड्यूटी पर थे उनमें से एक तो डिकी बर्ड थे जिन्हें न सिर्फ बेहद अनुभवी, सबसे बेहतर अंपायर में से एक गिना जाता है। दूसरे अंपायर थे हर्बी फेलसिंगर। कमाल ये हुआ कि अंपायरों ने अब्दुल कादिर के ओवर गिनने में गलती कर दी और इसका नतीजा ये रहा कि कादिर ने अपना वह 11वां ओवर शुरू कर दिया जिसकी उन्हें कतई इजाजत नहीं थी।

कादिर ने दो गेंदें फेंकी (इनमें संदीप पाटिल ने एक रन बनाया) और तब कहीं स्कोरर का संदेश अंपायर तक पहुंचा कि बहुत बड़ी गलती हो गई है। अब क्या करें?

कादिर का ओवर वहीं रोक दिया पर जो दो गेंद और एक रन रिकॉर्ड में आ चुके थे- उनका क्या करें? इंटरनेशनल क्रिकेट में ये न तो पहला और न ही आखिरी मौका था कि अंपायर ने गेंद गिनने में गलती की पर पर फर्क ये था कि यहां ओवर में गेंद की नहीं, ओवर की गिनती ही गलत हो गई थी। जो दो गेंद कादिर ने फेंकी और जो एक रन संदीप पाटिल ने बनाया- उन्हें रिकॉर्ड से निकाल दिया और जब शाहिद महबूब ने नया ओवर शुरू किया तब तक रिकॉर्ड इस तरह से बदल दिया था मानो कुछ हुआ ही न हो। आज इस बात का कोई जवाब नहीं है कि अगर उन दो गेंद में कोई विकेट गिर जाता तो क्या होता?

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कौन जिम्मेदार था इस गलती के लिए? चूंकि उन दो गेंद और एक रन को रिकॉर्ड से निकाल दिया- इसलिए उस मैच के स्कोर कार्ड को देखने पर इस गलती के बारे में कुछ भी पता नहीं चलता। जब तक अंपायर ये सोच पाते कि क्या एक्शन लेना है- खेल रुका रहा। यही वजह है कि इस आश्चर्यजनक गलती का कहीं जिक्र तक नहीं मिलता। ऐसी गलती इंटरनेशनल क्रिकेट में अनोखी थी।

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