Cricket Tales - बेटे ने कहा, पापा रन कब बनाओगे और सहवाग ने सेंचुरी ठोक दी
Cricket Tales | क्रिकेट (IPL) के अनसुने दिलचस्प किस्से - आईपीएल की ढेरों 'अनटोल्ड स्टोरी' हैं और उन्हीं में एक आईपीएल के आइकॉन क्रिकेटरों में से एक वीरेंद्र सहवाग की है। आजकल आईपीएल में कोई रन न बनाए या विकेट न ले तो सहवाग उसकी खिंचाई का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते- ये भी भूल जातें हैं कि कभी वे भी खेलते थे और ऐसा दौर उनके करियर में भी तो आया होगा।
सहवाग का भारत के लिए आखिरी इंटरनेशनल मैच मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध दूसरा टेस्ट था। क्रमशः टी 20 और वन डे की टीम से वे पहले ही बाहर हो चुके थे। ये फैक्ट इस बात का सबूत था कि उनका क्रिकेट में बेहतरीन दौर बीत चुका था। आईपीएल बहरहाल अलग होती है और 2013 सीजन में वे थे दिल्ली डेयरडेविल्स (दिल्ली कैपिटल्स का पिछला नाम) टीम में।
आईपीएल 2013 में दिल्ली की हालत ये थी कि तीन साल में दूसरी बार पॉइंट्स तालिका में सबसे नीचे रहे। इस नाकामयाबी में सहवाग की घटिया बल्लेबाजी का पूरा योगदान था। क्रिकेट के पंडितों को हैरान कर दिया था उन्होंने। हालत ये थी कि उनकी बल्लेबाजी फॉर्म पर तीखा हमला करते हुए, पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान वसीम अकरम ने वीरेंद्र सहवाग को 'नंबर 11 बल्लेबाज' कह दिया। सहवाग को अपने करियर में शायद यह सबसे खराब तारीफ मिली। क्या भारतीय टीम से बाहर होने की निराशा इसके लिए जिम्मेदार थी? सीजन में रिकॉर्ड रहा- 13 मैचों में 24.58 की औसत से 295 रन और स्ट्राइक रेट 126.60 था। इससे दिल्ली को कोई फायदा नहीं हुआ।
तब भी आईपीएल ने साथ दिया और 2014 सीजन के लिए किंग्स इलेवन पंजाब (पंजाब किंग्स का पिछला नाम) ने ले लिया। इससे सहवाग की किस्मत कोई ख़ास नहीं बदली। सेमी फाइनल से पहले तक 50 का एक स्कोर और ग्लेन मैक्सवेल और डेविड मिलर सारी चर्चा और तारीफ बटोरे जा रहे थे।
ये बात क्वालीफायर 2 मैच से पहले की है। तब तक सहवाग ने अपनी टीम के लिए कुछ ऐसा नहीं किया था कि उनके नाम की धूम मची हो। ऐसे दौर में, एक दिन अपनी पत्नी को फोन किया। उनका 6 साल का बेटा आर्यवीर भी फ़ोन पर आ गया पापा से बात करने। देखिए वह 6 साल का बच्चा क्या बोला- 'पापा आप बार-बार जल्दी आउट क्यों हो रहे हो? स्कूल में मेरे दोस्त मुझे चिढ़ाते हैं कि तुम्हारे पापा रन नहीं बना रहे।'
सहवाग का जवाब था- 'बेटा, चिंता मत करो, आगे भी मैच हैं और मैं रन बनाऊंगा।'
अब आ गया वानखेड़े स्टेडियम में क्वालीफायर 2 और सामने थी धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स। सहवाग के कानों में बेटे की बात गूंज रही थी। नतीजा- 58 गेंदों में 12 चौकों और 8 छक्कों की मदद से 122 रन बना दिए। पंजाब ने 226-6 का स्कोर बनाया और 24 रन से जीत दर्ज की। यह उस साल के टूर्नामेंट का सबसे बड़ा स्कोर था। तो क्या ये 'सहवाग इज बैक' वाली बात थी या कुछ और। ये बेटे की बात का असर था- दोस्तों के सामने वह क्यों शर्मिंदा हो?
काश बेटे ने फाइनल से पहले भी ऐसा ही कोई फोन कर दिया होता ! सहवाग फाइनल में अपने कारनामे को दोहराने में नाकाम रहे- 10 गेंद में 7 रन और कोलकाता नाइट राइडर्स ने तीन गेंद शेष रहते तीन विकेट से मैच जीत लिया। सहवाग ने सीजन में 17 पारी में 455 रन बनाए और इन्हीं में दूसरा और आख़िरी आईपीएल शतक था।
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सहवाग कहते रहे कि उन्हें लगता है कि वह एक और 'दो या तीन साल' और खेल सकते हैं पर सच ये है कि एक और सीजन आईपीएल में खेलने के बावजूद सहवाग ने फिर कभी 50 का स्कोर भी नहीं बनाया। 2015 आईपीएल में 8 पारी में सिर्फ 99 रन और बनाए। इसी तरह उनकी कोई भी दलील उन्हें टीम इंडिया में भी वापस नहीं ला पाई।