Advertisement

टीम इंडिया की हार के बाद बोले सुनील गावस्कर, धोनी को 'ऊपर' खेलने आना चाहिए था 

नई दिल्ली, 12 जुलाई (CRICKETNMORE)| भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि न्यूजीलैंड के साथ मैनचेस्टर में हुए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान जब भारत ने अपने शुरुआती तीन विकेट...

Advertisement
MS Dhoni
MS Dhoni (Twitter)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jul 12, 2019 • 01:55 PM

नई दिल्ली, 12 जुलाई (CRICKETNMORE)| भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि न्यूजीलैंड के साथ मैनचेस्टर में हुए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान जब भारत ने अपने शुरुआती तीन विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब महेंद्र सिंह धोनी को बल्लेबाजी के लिए 'ऊपर' आना चाहिए था। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
July 12, 2019 • 01:55 PM

गावस्कर वर्ल्ड कप से पहले, वर्ल्ड कप के दौरान और वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम प्रबंधन की नीतियों के आलोचक रहे हैं। गावस्कर ने हमेशा भारतीय बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की वकालत की है, जो हालात के अनुरूप होनी चाहिए लेकिन न्यूजीलैंड के हाथों मिली 18 रनों की हार वाले मैच मे जो हुआ, उससे वह काफी खफा हैं।

Trending

स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान गावस्कर ने कहा कि जब भारत ने अपने तीन टॉप बल्लेबाजों के विकेट सस्ते में गंवा दिए थे, तब हार्दिक पांड्या और ऋषभ पंत बल्लेबाजी कर रहे थे। दोनों मिजाज के लिहाज से एक जैसे बल्लेबाज हैं। उनकी जगह एक छोर पर धोनी को होना चाहिए था, जो पंत को संयमित रहने की सलाह दे सकते थे। आखिरकार पंत एक खराब शॉट खेलकर आउट हुए, जो भारत के लिए बाद में काफी महंगा साबित हुआ।

गावस्कर ने कहा, "जब हमने 24 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे, तब पंत और पांड्या विकेट पर थे। दोनों एक ही मिजाज के खिलाड़ी हैं। दोनों आक्रामक हैं। वहां तो धोनी जैसा अनुभवी और संयमित बल्लेबाज एक छोर पर होना चाहिए था, जो इनमें से किसी एक को संयमित रहकर खेलने की सलाह देता। आखिरकार दोनों बल्लेबाज गैरजिम्मेदाराना तरीके से आउट हुए और यही भारत को भारी पड़ गया।"

गावस्कर के मुताबिक धोनी अपने साथियों की मनोदशा को समझते हैं और यही कारण था कि वह पंत या फिर पांड्या को सही तरीके से समझाकर विकेट पर बने रहने के लिए प्रेरित कर सकते थे। बकौल गावस्कर, "वह (धोनी) अगर विकेट पर होते तो वह पंत को समझा सकते थे, जो काफी उतावले नजर आ रहे थे। कप्तान ने अहम मुकाम पर दो ऐसे खिलाड़ियों को भेज दिया, जिनके खेलने का तरीका 'मारो बस मारो' है। उस वक्त गेंद काफी अनियमित खेल रही थी और ऐसे में विकेट पर बने रहते हुए हालात के हिसाब से खेलने की जरूरत थी। ऐस में तो आपको ऐसे किसी व्यक्ति की जरूरत थी, जो विकेट पर ठहर कर खेल सकता था।"

हालात के विपरीय विराट कोहली ने उस मैच में धोनी को नम्बर-7 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा था। पूरे टूर्नामेंट में धोनी इतना 'नीचे' नहीं खेले थे। इसे लेकर कोहली का अपना अलग मत था। कोहली ने मैच के बाद कहा था, "धोनी ने हालात के हिसाब से अपनी भूमिका के साथ न्याय किया। हमने उन्हें इसीलिए विकेट पर काफी देरी से भेजा था। हम चाहते थे कि वह अंत तक विकेट पर रहें और जब छह या सात ओवर रह जाएं तो हालात के हिसाब से बल्लेबाज करें। हमारी रणनीति फ्लॉप रही क्योंकि वह रन आउट हो गए।"
 

Advertisement

Advertisement