फाइनल के लिए चेन्नई औऱ पंजाब की टक्कर

Updated: Tue, Jan 27 2015 08:33 IST

मुम्बई, 30 मई (हि.स.)। आईपीएल 7 में अपने जबरदस्त प्रदर्शन से सभी को अचंभित करने वाली किंग्स इलेवन पंजाब की टीम पहले प्लेऑफ में हारने के बाद क्वालिफायर 2 में मिले दूसरे मौके में दो बार की चैंपियन और सबसे ताकतवर टीमों में से एक चेन्नई सुपर किंग्स से भिड़ेगी। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले इस मैच को दोनों टीमें हर हाल जीतकर फाइनल में एंट्री करना चाहेंगी।  

आईपीएल की शीर्ष टीम पंजाब को पहले प्लेआफ में कोलकाता नाइटराइडर्स ने 28 रनों से हराकर कर सीधे फाइनल में प्रवेश कर लिया था । एकतरफा माने जा रहे इस मुकाबले में पहले से ही पंजाब को जीत का दावेदार माना जा रहा था लेकिन जबरदस्त फार्म में चल रही केकेआर ने संतुलित बल्लेबाजी और फिर कमाल की गेंदबाजी से पंजाब जैसी मजबूत टीम को पराजित करने में सफलता हासिल कर ली।

चौंकाने वाली बात यह है कि टूर्नामेंट के लीग चरण में अपने बल्लेबाजों के भरोसे यहां तक पहुंची पंजाब के उसी बल्लेबाजी क्रम ने इस मैच में सबसे ज्यादा निराश किया और ग्लेन मैक्सवेल इतने अहम मैच में मात्र 6 रन बनाकर चलते बने जबकि वीरेंद्र सहवाग 2 रन पर आउट हुए। पंजाब के चार बल्लेबाजों दहाई के आंकड़े को भी न छू पाये।

दूसरी ओर कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में दो बार की आईपीएल चैंपियन और तीन बार की फाइनलिस्ट रही चेन्नई की टीम ने अपने अहम प्लेआफ मुकाबले में विपक्षी टीम मुंबई के सामने कोई गलती नहीं की। अपनी रणनीति और समझदारी के लिए पहचान रखने वाले धौनी इस मुकाबले की अहमियत समझते थे और इसीलिए टीम के अहम खिलाड़ियों ड्वेन स्मिथ, फॉफ डू प्लेसिस, सुरेश रैना, ब्रैंडन मैक्कुलम और डेविड हसी जैसे बल्लेबाजों ने टीम की जीत में अपना योगदान दिया।

कप्तान धौनी ने मुंबई के खिलाफ जीत के बाद अपने गेंदबाजों की जमकर तारीफ की थी। धौनी ने कहा कि उनकी टीम के गेंदबाजों खासतौर पर आशीष नेहरा और ईश्वर पांडे ने गेंदबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया जबकि मध्य ओवरों में स्पिनरों ने बेहतरीन गेंदबाजी की। एलिमिनेटर मुकाबले में दिल्ली के नेहरा ने चार ओवरों में दो विकेट लिए थे जबकि ईश्वर ने तीन ओवरों में केवल 25 रन दिए। साफ है कि बल्लेबाजों के साथ साथ गेंदबाज भी चेन्नई की जीत में अपनी भूमिका निभा रहे हैं और यही संतुलित प्रदर्शन टीम की जीत की वजह है। चेन्नई ने भले ही टूर्नामेंट के आखिरी तीन लीग मैच एक के बाद एक हारे हों लेकिन उसने अहम मुकाबले में जीत दर्ज कर खुद को साबित किया कि आखिरकार वह क्यों श्रेष्ठ है।
 
चेन्नई के पास आलराउंडर रैना, रवींद्र जडेजा, आईपीएल सात में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले मोहित शर्मा और विश्वस्तरीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हैं। आईपीएल सात में मोहित 15 मैचों में सर्वाधिक 22 विकेट लेकर टीम के सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने एलिमिनेटर में भी तीन विकेट लिए थे जबकि 19 विकेट के साथ जडेजा दूसरे सफल गेंदबाज हैं। अश्विन ने इतने ही मैचों में 15 विकेट लिए हैं और पंजाब के बल्लेबाजों को रोकने की चुनौती इन सभी गेंदबाजों पर रहेगी।

पंजाब की टीम पर पिछले मैच की हार से जहां दबाव होगा वहीं चेन्नई प्लेआफ जीतने से कुछ बेहतर स्थिति में हैं। हालांकि पंजाब अब भी मुकाबले में बनी हुई है और पहली बार खिताब पर कब्जा करने के लिए उसकी पूरी कोशिश रहेगी कि वह एक बार फिर से वैसा ही प्रदर्शन दोहराए जो वह लीग मैचों में चेन्नई के खिलाफ कर चुकी है। पंजाब का चेन्नई के खिलाफ आईपीएल सात में जीत का रिकार्ड बेहतरीन रहा है और उसने 18 अप्रैल को टूर्नामेंट में चेन्नई को छह विकेट से चौंकाते हुये आईपीएल की शुरुआत की थी जबकि दूसरी बार सात मई को चेन्नई के खिलाफ खेले गए दूसरे मैच में उसने चेन्नई को 44 रन से पराजित किया था जबकि चेन्नई एक बार भी पंजाब पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है।

लेकिन टीम के सबसे निरंतर खिलाड़ी और दूसरे सर्वाधिक स्कोरर मैक्सवेल (539 रन) अब पटरी से उतरते लग रहे हैं। पंजाब के खिलाड़ी ने अपने आखिरी चार मैचों में 6, 0, 2 और 14 रनों की पारियां खेली हैं। मैक्सवेल का इस मैच में रन बनाना बेहद जरूरी है क्योंकि यह आखिरी मौका होगा। इसके अलावा विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग, कप्तान जार्ज बैली, डेविड मिलर, मनन वोहरा और रिद्धिमान साहा भी टीम के भरोसेमंद चेहरे हैं।

गेंदबाजों की बात करें तो पंजाब के गेंदबाजों ने पहले भी कई मौकों पर बल्लेबाजों के विफल होने पर टीम की जीत में भूमिका निभाई है। परविंदर अवाना, मिशेल जानसन, बांग्लादेश दौरे पर टीम में प्रवेश पाने वाले अक्षर पटेल, ऋषी धवन और करनवीर सिंह को इस अहम मुकाबले में मोर्चा संभालना होगा।

हिन्दुस्थान समाचा/गोविन्द

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