इंग्लैंड अभी भी एशेज जीत सकता है- क्या जो रुट में 'बैटल ऑफ़ टेक्टिक्स' जैसा खेलने का दम है?

Updated: Tue, Dec 21 2021 16:21 IST
Ashes 2021-22 (Image Source: Google)

एडिलेड में आखिरी दिन इंग्लैंड की 275 रन से हार और ऑस्ट्रेलिया एशेज में 2-0 से आगे। जोस बटलर ने मेहमान टीम को ड्रॉ का सपना दिखाया ताकि एशेज का रोमांच बना रहे पर ऐसा हुआ नहीं। अब मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट में हार से बचने पर एशेज ऑस्ट्रेलिया के पास। दूसरी तरफ इंग्लैंड को जीत की जरूरत ताकि एशेज वापस हासिल करने की उम्मीद बनी रहे। क्या ये संभव है कि इंग्लैंड अगले तीनों टेस्ट जीत ले? जो रुट को इस सवाल का जवाब पाने के लिए एशेज इतिहास के पेज पढ़ने होंगे- ख़ास तौर पर मेलबर्न के एक टेस्ट के 'बैटल ऑफ़ टेक्टिक्स' को।

टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ एक मिसाल है जब एक टीम 2-0 से पीछे होने के बावजूद सीरीज जीती और ये कमाल ऑस्ट्रेलिया ने, दूसरे शब्दों में, 1936/37 में ग्रेट सर डोनाल्ड ब्रैडमैन की टीम ने दिखाया था। उसके लिए जो रूट को खुद 'ब्रैडमैन' बनना होगा। ऐसा क्या किया था ब्रैडमैन ने? ये वो सीरीज है जिसमें ब्रैडमैन ने 90 की औसत से 810 रन बनाए थे और इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी आख़िरी तीन टेस्ट में बनाए रन की थी। सबसे पहले सीरीज :

  • पहला टेस्ट, ब्रिस्बेन, इंग्लैंड 322 रन से जीता: ब्रैडमैन के स्कोर 38 और 0 थे। ये ऐसी जीत थी कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जोसेफ लियोन ने भी इंग्लैंड को बधाई का टेलीग्राम भेजा था।
  • दूसरा टेस्ट, सिडनी, इंग्लैंड एक पारी और 22 रन से जीता: वॉली हैमंड को 231* बनाते देखा ब्रैडमैन ने। उनके अपने स्कोर 0 और 82 रन। इंग्लैंड सीरीज में 2-0 से आगे और एशेज जीतने के करीब।
  • तीसरा टेस्ट, मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया 365 रन से जीता: दोनों टीम ने अपनी पहली पारी 9 विकेट गिरने पर समाप्त घोषित की- ऑस्ट्रेलिया ने 200 और इंग्लैंड ने 76 रन पर। दूसरी पारी में ब्रैडमैन ने नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए 270 और फिंगलटन ने 136 रन बनाए- ऑस्ट्रेलिया 564 रन और स्पिनर चक फ्लीटवुड-स्मिथ के 5-124 ने बाकी का काम कर दिया।
  • चौथा टेस्ट, एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया 148 रन से जीता: ब्रैडमैन की डबल सेंचुरी (212) और इंग्लैंड की हार।
  • पांचवां टेस्ट, मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया एक पारी और 200 रन से जीता: ब्रैडमैन इस बार सिर्फ 169 रन पर आउट। बिल ओ'रेली ने टेस्ट में 8 विकेट लिए।

इस आश्चर्यजनक वापसी की दास्तान यहीं ख़त्म नहीं होती। वापसी का किसा मेलबर्न में शुरू हुआ और वहां जो हुआ उस पर माइक ब्रेयरली ने अपनी किताब ' द आर्ट ऑफ़ केप्टेन्सी' में लिखा कि कि हर कप्तान को, उस टेस्ट की दास्तान जरूर पढ़नी चाहिए- वह टेस्ट एक ट्रेनिंग था। इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार डोनाल्ड ब्रैडमैन थे। सीरीज के पहले दोनों टेस्ट में हार किस कप्तान को बौखलाएगी नहीं- वही हाल ब्रैडमैन का था।

सीधा मेलबर्न टेस्ट पर चलते हैं। टेस्ट से पहले अफवाह थी कि टीम, ब्रैडमैन के साथ नहीं और कप्तान बदलो पर बोर्ड ने उनका साथ दिया। खतरनाक ट्रैक पर, दोनों कप्तान ने अपनी पहली पारी को समाप्त घोषित किया- टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ। पिच अभी भी खराब थी और ब्रैडमैन ने इसे देखकर अपने टेलेंडर्स का बैटिंग आर्डर बदल दिया- ये था मास्टर स्ट्रोक। खुद बैटिंग करने आए 97-5 पर और तब तक सीन सेट हो चुका था। ऐसे में ब्रैडमैन ने जैक फिंगलटन के साथ 6 वें विकेट की 346 रनों की वर्ल्ड रिकॉर्ड पार्टनरशिप की और खुद 270 रन बनाए।

 

इंग्लैंड को ब्रैडमैन के इस कमाल ने तोड़ दिया- जीत के लिए 689 के विशाल लक्ष्य के सामने टिक ही नहीं पाए। तब ब्रैडमैन मशहूर जरूर थे पर वैसे 'ग्रेट' नहीं जैसे आज उनके पूरे रिकॉर्ड को देखकर कहा जाता है। इसलिए जो ब्रैडमैन ने किया- वह अद्भुत था। उस सीरीज की कोई सिनेमा न्यूज़रील नहीं, टेलीविज़न कवरेज नहीं- सिर्फ रेडियो और छिटपुट फिल्म मिलती हैं। ये सब तब हुआ जब सीरीज शुरू होने से पहले ही हर किसी ने इंग्लैंड को एशेज विजेता मान लिया था।

1937 में मेलबर्न में उस तीसरे टेस्ट को 350,534 दर्शकों ने देखा। ब्रैडमैन ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी को चुना पर स्टेन मैककेबे और विकेटकीपर बर्टी ओल्डफील्ड की मेहनत से ही स्कोर 200- 9 तक ले गए- वहीं ब्रैडमैन ने पिच का मिजाज देखते हुए, पारी समाप्त घोषित कर दी।

जिस पिच पर हर गेंद अलग थी, इंग्लैंड ने 76 रन पर 9 विकेट खो दिए। इंग्लैंड के कप्तान गबी एलन ने भी ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के चक्कर में फंसाने के लिए अपनी पारी समाप्त कर दी।

ये स्कोर भी ब्रैडमैन की 'मेहरबानी' से बना था। जब इंग्लैंड के 7 विकेट गिर गए थे 76 रन पर तो ब्रैडमैन को इंग्लैंड के विकेट जल्दी जल्दी गिरने से डर लगने लगा- इंग्लैंड जल्दी आउट तो इस खराब पिच पर ऑस्ट्रेलिया को खेलना पड़ेगा। इससे बचने के लिए अपने गेंदबाजों को कहा- विकेट के वाइड गेंदबाजी करो और आउट करने से बचो। नजदीक कैच लपकने वाले फील्डर बाउंड्री पर लगा दिए।

दूसरी तरफ इंग्लैंड के कप्तान एलन की सोच देखिए- वे डर रहे थे कि उनकी पारी खत्म होते ही, कहीं ऐसा न हो जाए कि ब्रैडमैन बिना खेले अपनी पारी समाप्त घोषित कर इंग्लैंड को फिर से बल्लेबाज़ी पर मजबूर कर दें। दोनों कप्तान चाहते थे कि किसी तरह दूसरा दिन निकल जाए। चिंता मौसम की भी थी। बारिश हो रही थी। अगला दिन इतवार था यानि कि रेस्ट डे। सोमवार तक हालात बदलने की पूरी उम्मीद थी। एलन ने 76- 9 पर पारी का अंत कर दिया- तब 45 मिनट का खेल बचा था।

अब देखिए खराब पिच पर खेलने से अपने टॉप बल्लेबाजों को बचाने के लिए, ब्रैडमैन ने क्या किया? ब्रैडमैन ये देखकर बौखला गए और सीधे अंपायरों, जॉर्ज बोरविक और जॉन स्कॉट के पास चले गए ये बताने कि जो एलन कर रहे हैं, वो स्पोर्ट्समैन स्पिरिट नहीं। बोरविक चक्कर में फँस गए और एलन से बात करने इंग्लिश ड्रेसिंग रूम में चले गए। इस सबसे कोई बदलाव नहीं हुआ। ये तो बाद में समझ में आया कि इस तमाशे से ब्रैडमैन ने 5-7 मिनट बेकार कर दिए थे।

ब्रैडमैन की अगली चाल- अपने टॉप बल्लेबाज को उन खराब परिस्थितियों से बचाने के लिए बल्लेबाजी क्रम को उलट दिया। पारी की शुरुआत करने नीचे के बल्लेबाज ओ'रेली और फ्लीटवुड-स्मिथ को भेज दिया। ओ'रेली अपनी पहली गेंद पर आउट हो गए तो नंबर 10, फ्रैंक वार्ड को नंबर 3 पर भेज दिया। बल्लेबाजों ने 12 गेंदों में खराब रोशनी के खिलाफ 6 अपील कीं। इंग्लैंड 18 गेंद के खेल में कामयाब रहा।

सोमवार सुबह, बड़ी भीड़ थी। फ्लीटवुड-स्मिथ अपनी पारी की पहली गेंद पर आउट। ब्रैडमैन ने अब बल्लेबाजों को कहा समय बिताओ। इस बीच धूप ने पिच को और सुखा दिया। कीथ रिग नंबर 4, नंबर 5 पर बिल ब्राउन और नंबर 6 पर फिंगलटन आए। ब्रैडमैन 3 बजे से ठीक पहले सातवें नंबर पर आए। ऑस्ट्रेलिया 221 से आगे और आधी टीम आउट। सब कुछ ब्रैडमैन पर निर्भर था और वह इसे जानते थे।

मैच के बाद उनके आलोचकों ने उन पर कायर होने का आरोप लगाया। वे जो कर रहे थे- टीम के लिए था। उस दिन ब्रैडमैन ने 56 रन बनाए। अगली सुबह, पिच के सूखने और धूप निकलने के साथ, 50 को 100, 150 और 200 में बदल दिया। फिंगलटन के साथ 346 रन बनाए- 6 वे विकेट के लिए एक रिकॉर्ड स्टैंड।

सालों बाद, विजडन ने इसे टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान पारी गिना क्योंकि परिस्थितियों की मुश्किल और उनके स्कोर और बाकी सभी के बीच गजब का फर्क था। ये कहीं जिक्र नहीं मिलता पर सच है कि उस रात सर्दी से उन्हें फ्लू हो गया था। तब भी, कुल 270 के लिए, 7 घंटे, 38 मिनट खेले- उनकी सबसे लंबी टेस्ट पारी और अभी भी टेस्ट क्रिकेट में एक नंबर 7 बल्लेबाज का रिकॉर्ड स्कोर। ऑस्ट्रेलिया ने 564 रन बनाए। टेस्ट की चौथी पारी के लिए ग्राउंड पर उतरने के लिए बहुत बीमार थे। बहरहाल इतिहास बनाने की शुरुआत हो गई थी।

Also Read: Ashes 2021-22 - England vs Australia Schedule and Squads

क्या आज की इंग्लैंड टीम इससे प्रेरणा लेगी?

TAGS

संबंधित क्रिकेट समाचार

सबसे ज्यादा पढ़ी गई खबरें