टी20 विश्व कप फाइनल में दो सर्वश्रेष्ठ और अपराजित टीमों की टक्कर (प्रीव्यू)

Updated: Fri, Jun 28 2024 16:54 IST
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Rohit Sharma: टी20 विश्व कप 2024 में खिताबी जंग में भारत और दक्षिण अफ्रीका आमने-सामने है। एक यादगार टूर्नामेंट अपने समापन के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसमें कई उतार-चढ़ाव और बड़े उलटफेर देखे गए।

बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में दक्षिण अफ्रीका और भारत की खिताबी मुकाबले में टक्कर होगी। यहां कि पिच पर गेंद और बल्ले के बीच बराबरी की टक्कर देखने को मिलती है। शुरुआत में यहां तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहता है, तो वहीं मिडिल ओवर्स में स्पिनर भी अपना जलवा दिखाते हैं।

आईसीसी टूर्नामेंट में ट्रॉफी जीतने का भारत का इंतजार काफी लंबा है। पिछले 12 महीनों में अपने तीसरे आईसीसी फाइनल में भारत 11 साल के बड़े खिताब के सूखे को खत्म करने की जद्दोजहद में है।

भारत और दक्षिण अफ़्रीका के बीच अब तक कुल 26 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं और भारत ने इस फ़ॉर्मेट का अपना पहला मैच इसी टीम के ख़िलाफ़ ही खेला था। भारत ने इन 26 में से 14 तो वहीं दक्षिण अफ़्रीका ने 11 मैचों में जीत हासिल की है और एक मैच का परिणाम नहीं निकला है। टी20 विश्व कप में दोनों टीमें छह बार भिड़ चुकी हैं। इनमें से चार में भारत और केवल दो बार दक्षिण अफ़्रीका को जीत मिली है।

एमएस धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने 2007 में टी20 विश्व कप 2007 यानी टूर्नामेंट का ओपनिंग सीजन जीता था, जिसमें रोहित शर्मा भी शामिल थे। अब करीब-करीब 17 साल बाद बतौर कप्तान रोहित शर्मा के पास इसे जीतने का मौका है। दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका पहली बार पुरुषों के आईसीसी विश्व कप के फाइनल में है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही अपराजित टीमों के रूप में खिताबी मुकाबले में पहुंचे हैं। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम न्यूयॉर्क की कठिन पिचों पर शीर्ष पर रही और अब कैरेबियाई में भी अजेय है।

भारत का अभियान वनडे विश्व कप 2023 में उनके प्रदर्शन की तरह ही रहा है, लेकिन इस बार वो खिताबी मुकाबले में कोई गलती नहीं करना चाहेंगे। भारत के लिए खिताब जीतना राहुल द्रविड़ के मुख्य कोच के रूप में कार्यकाल को एक शानदार विदाई भी होगी।

एडेन मार्करम एंड कंपनी की अगुआई वाली प्रोटियाज टीम को न्यूयॉर्क और कैरिबियन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच कड़े मुकाबलों में जीत हासिल करने में किस्मत का साथ मिला और फिर त्रिनिदाद में पहले सेमीफाइनल में अफगानिस्तान को उन्होंने एकतरफा मुकाबले में हराया।

1998 में आईसीसी नॉक-आउट खिताब (तब चैंपियंस ट्रॉफी के नाम से जाना जाता था) जीतने वाले दक्षिण अफ्रीका के लिए यह बड़ा मौका है कि वह खिताब पर कब्जा जमाये।

लेकिन दक्षिण अफ़्रीका के बल्लेबाज़ इस टूर्नामेंट में काफ़ी धीमा खेलते दिखे हैं। सुपर 8 में जगह बनाने वाली टीमों में यदि रन बनाने की गति को देखा जाए तो साउथ अफ़्रीका 6.81 की रन-रेट के साथ दूसरी सबसे धीमी टीम है।दक्षिण अफ़्रीका के पांच प्रमुख बल्लेबाज़ों की स्ट्राइक-रेट काफ़ी कम है। हेनरिक क्लासेन 112 तो वहीं कप्तान एडन मारक्रम ख़ुद 102 की स्ट्राइक-रेट से रन बना रहे हैं। डेविड मिलर की स्ट्राइक-रेट 100 की है तो वहीं ट्रिस्टन स्टब्स भी 94 की स्ट्राइक-रेट से रन बना रहे हैं। ओपनर बल्लेबाज़ रीज़ा हेंड्रिक्स का संघर्ष सबसे अधिक देखने को मिला है जिनका स्ट्राइक-रेट 88 का है।

भारतीय स्पिनर्स पेश करेंगे कड़ी चुनौती

भारत के लिए कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा की स्पिन तिकड़ी काफ़ी सफल हो रही है। ख़ास तौर से अक्षर और कुलदीप ने विपक्षी टीमों को बहुत अधिक परेशान किया है। सुपर 8 शुरू होने के बाद से भारतीय स्पिनर्स ने चार मैचों में 16 विकेट चटकाए हैं जो किसी भी टीम के स्पिनर्स द्वारा लिए गए सर्वाधिक विकेट हैं। इस दौरान उन्होंने केवल 6.65 की रन-रेट से रन खर्च किए हैं और उनके औसत 15.87 के रहे हैं। कुलदीप अब तक 5.69 की इकॉनमी और 9.2 की औसत के साथ 10 विकेट ले चुके हैं तो वहीं अक्षर 6.83 की इकॉनमी और 15.37 की औसत से आठ विकेट चटका चुके हैं।

बुमराह का दबदबा है कायम

भारत के लिए कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा की स्पिन तिकड़ी काफ़ी सफल हो रही है। ख़ास तौर से अक्षर और कुलदीप ने विपक्षी टीमों को बहुत अधिक परेशान किया है। सुपर 8 शुरू होने के बाद से भारतीय स्पिनर्स ने चार मैचों में 16 विकेट चटकाए हैं जो किसी भी टीम के स्पिनर्स द्वारा लिए गए सर्वाधिक विकेट हैं। इस दौरान उन्होंने केवल 6.65 की रन-रेट से रन खर्च किए हैं और उनके औसत 15.87 के रहे हैं। कुलदीप अब तक 5.69 की इकॉनमी और 9.2 की औसत के साथ 10 विकेट ले चुके हैं तो वहीं अक्षर 6.83 की इकॉनमी और 15.37 की औसत से आठ विकेट चटका चुके हैं।

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फाइनल मैच के दिन और रिजर्व डे पर भी बारिश का खतरा काफी है। किसी भी टीम ने कभी भी पुरुष टी20 विश्व कप को अजेय रहते हुए नहीं जीता है, जिसका मतलब है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के पास इतिहास को फिर से लिखने का सुनहरा मौका है।

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