इंटरनेशनल क्रिकेटर जो मगरमच्छ से बचने के बाद अब तेंदुए के अटैक से भी बचा
एक खबर आई कि जिम्बाब्वे के लिए कुछ साल इंटरनेशनल क्रिकेट खेले गाइ व्हिटल (Guy Whittall) पर तेंदुए (Leopard) ने हमला कर दिया। इस अटैक में बस जान बची और बुरी हालत में हॉस्पिटल ले जाया गया उन्हें। ये घटना जिम्बाब्वे में हुमानी की है। व्हिटल भागने में कामयाब हो गए अन्यथा तो वे उस तेंदुए का भोजन बन ही चुके थे। ये इलाका तरह-तरह के जानवरों की मौजूदगी के लिए मशहूर है और व्हिटल यहां एक कंजरवेंसी (Conservancy) चलाते हैं।
वे अपने कुत्ते चिकारा के साथ सैर पर निकले थे और सोशल मीडिया (फेसबुक) पर उनकी पत्नी हन्ना व्हिटल की एक पोस्ट के अनुसार, चिकारा ने उन्हें बचाने के लिए अपनी चिंता नहीं की और तेंदुए से मुकाबला किया- जिससे वह खुद भी घायल हुआ। अब पहला सवाल तो ये है कि ये गाइ व्हिटल कौन हैं? इसका जवाब ये कि व्हिटल ने 1993 से 2003 के बीच 46 टेस्ट और 147 वनडे इंटरनेशनल खेले जिनमें कुल 4912 रन बनाए। उपयोगी गेंदबाज भी थे और टेस्ट में 51 तथा वनडे में 88 विकेट लिए। 1996, 1999 और 2003 में तीन वर्ल्ड कप टीमों का हिस्सा थे।
वे शायद खुद नहीं जानते कि उनकी किस्मत में जानवरों के अटैक से कितना बचना लिखा है क्योंकि 2013 में भी वे ऐसे ही एक किस्से में मौत के बड़ा करीब थे। इस बार तो तेंदुए के हमले से बच गए पर तब जो हुआ, वह तो बड़ा ही अजीब था- सुबह उठकर पता चले कि पूरी रात एक लगभग 8 फुट लंबा और विशाल मगरमच्छ (Crocodile) आपके बिस्तर के नीचे था तो सोचिए कि कैसा महसूस होगा? यही हुआ व्हिटल के साथ यानि कि तब भी मौत से सिर्फ कुछ इंच ही दूर थे।
इस तेंदुए के अटैक वाले किस्से में वे हुमानी में अपने कुत्ते के साथ टहलने निकले और तेंदुए ने उन पर अटैक किया। उनके कुत्ते चिकारा ने उन्हें तेंदुए से बचाया लेकिन दोनों घायल हो गए। उनका काफी खून बह गया और ये तो अच्छा हुआ कि उन्हें और कुत्ते को फटाफट हॉस्पिटल ले जाने का इंतजाम हो गया और काफी खून बहने के बावजूद दोनों की जान बच गई। ज़िंदा बचे यानी कि वे बड़े भाग्यशाली हैं और इस तरह से इस बार फिर से मौत को धोखा दिया।
मगरमच्छ वाला किस्सा सितंबर 2013 का है। हुमानी लॉज में वे तो सो गए थे और जब उठे तो पता चला कि बिस्तर के नीचे 8 फुट लंबा मगरमच्छ सो रहा था। हैरानी की बात ये कि पूरी रात सोने के बाद, व्हिटल सुबह बिस्तर के किनारे पर नंगे पैर लटका कर काफी देर बैठे रहे यानि कि मगरमच्छ से सिर्फ कुछ सेंटीमीटर की दूरी पर थे। तब भी मगरमच्छ ने उन्हें कुछ नहीं कहा। सुबह व्हिटल जब नाश्ता कर रहे थे तभी घर में काम करने वाली महिला चिल्लाई तो पता चला कि वह खतरे के कितने करीब थे।
व्हिटल ने इसके बाद मगरमच्छ पर स्टडी की तो उन्हें पता चला कि वे छिपने में बड़े माहिर होते हैं- इसी वजह से वे इतने लंबे समय तक पृथ्वी पर जीवित रहे हैं। इस बात से अनजान थे कि 330 पाउंड का एक जानवर उनके साथ एक ही कमरे में झपकी लेने आया था पर आज भी ये ख्याल उन्हें डरा देता है। शायद वह नील मगरमच्छ खुद छिप रहा था और 8 घंटे से भी ज्यादा के बाद उसे पकड़कर निकाला गया।
51 साल के व्हिटल हुमानी में चलने वाली कंजर्वेंसी में ट्रैकिंग कर रहे थे। हॉस्पिटल (हिप्पो क्लिनिक) में फर्स्ट एड के बाद, व्हिटल को एयर लिफ्ट किया गया। फिर उन्हें बफ़ेलो रेंज से ऐस एम्बुलेंस से हरारे ले गए और वहां से और बेहतर इलाज के लिए मिल्टन पार्क हॉस्पिटल ट्रांसफर कर दिया गया। आपातकालीन सर्जरी हुई- खून के इंतजाम के बाद क्योंकि काफी खून बह गया था।
वैसे एक क्रिकेटर के तौर पर भी, व्हिटल ऐसे ही हिम्मती थे। दो ख़ास प्रदर्शन के लिए उन्हें खूब याद किया जाता है। हरारे में पाकिस्तान के विरुद्ध 100 जिसकी बदौलत जिम्बाब्वे ने 1995 में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की। हालांकि उस टेस्ट में, उनके 113* पर ग्रांट फ्लावर (201*) और एंडी फ्लावर (156) के स्कोर भारी पड़ गए पर जिम्बाब्वे की पारी और 64 रन से जीत में व्हिटल का योगदान कम नहीं था। इसके बाद व्हिटल, न्यूजीलैंड के विरुद्ध बुलावायो में 203 के स्कोर के लिए भी खूब मशहूर हुए।
जब भी व्हिटल के टेस्ट प्रदर्शन का जिक्र होता है तो उनके 29.42 औसत से 2207 रन और 40.94 औसत से 51 विकेट के रिकॉर्ड से ज्यादा 623 की
'हंड्रेड औसत' के लिए (उन पारी में बल्लेबाजी औसत जहां 100 बनाया) के लिए याद किया जाता है- टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा ऐसी औसत का रिकॉर्ड है उनके नाम। व्हिटल के 4 टेस्ट 100 में उनके स्कोर 113*, 203*, 188* और 119 थे।
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आम तौर पर ऐसे अटैक के बाद, जो इनसे मुकाबला करते हैं, जीवित नहीं रहते ये सब बताने के लिए लेकिन व्हिटल के पास अब दो किस्से हैं बताने के लिए।