ऑस्ट्रेलिया का वो क्रिकेटर जिसके चलते सौरव गांगुली से छिनी गई थी टीम इंडिया की कप्तानी

Updated: Tue, Aug 07 2018 11:56 IST
गुआना क्रॉनिकल

ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट इतिहास के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक ग्रेग चैपल आज अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर आइये जानते ये उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

पूरा नाम एवं जन्मस्थल

ग्रेग चैपल जन्म 7 अगस्त 1948 को ऑस्ट्रलिया के उनले,एडिलेड में हुआ।  इनका पूरा नाम ग्रेगोरी स्टीफेन चैपल है। दिनेश कार्तिक की वाइफ दीपिका हैं बहुत खूबसूरत, देखें PICS  

 

ऐसा करने वाले वर्ल्ड के 4 बल्लेबाजों में से एक

ग्रेग चैपल क्रिकेट इतिहास कब उन गिने चुने खिलाड़ियों में है जिन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट और करियर के अंतिम टेस्ट में शतक जमाया है। उन्होंने अपना पहला टेस्ट साल 1971 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला तो वही अपने टेस्ट करियर का आखिरी मैच पाकिस्तान के विरुद्ध खेला।

 

भाई इयान चैपल के साथ किया किया यह कारनामा 

ग्रेग चैपल और इयान चैपल क्रिकेट इतिहास में पहली भाईयों की जोड़ी बनी जिन्होंने टेस्ट मैच की एक ही पारी में शतक लगाया हो। इन दोंनो ने यह कारनामा साल 1972 में ओवल के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ किया था। इयान ने 118 और ग्रेग ने 113 रन की पारी खेली थी। 

 

लॉर्ड्स टेस्ट में किया था एक साहसिक काम

लॉर्ड्स में हुए एक टेस्ट मैच के दौरान ग्रेग चैपल ने पहली पारी में 47 तो वही दूसरी पारी में 59 रन बनाए। लेकिन इससे ज्यादा यह टेस्ट मैच किसी और घटना के लिए याद किया जाता है। टेस्ट मैच के दौरान एक एमसीसी मेंबर ने मैदान में खड़े अंपायर पर हमला कर दिया जिसको ग्रेग ने इंग्लैंड के कप्तान इयान बॉथम की मदद से उसे पकड़ा और उसे पुलिस के हवाले कर दिया था।

 

सौरव गांगुली से उनका विवाद

जब ग्रेग चैपल भारत के कोच बने तब टीम की कोचिंग से ज्यादा वो गांगुली के साथ विवाद के कारण ज्यादा सुर्ख़ियों में रहे। साल 2005 में जब जॉन राइट भारतीय कोच के पद से हटे तब ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल को भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया। उस दौरान गांगुली बल्लेबाजी में अच्छे फॉर्म से नहीं गुज़र रहे थे और चैपल ने उनसे कहा की कप्तान के तौर पर फॉर्म में गिरावट आने से पूरी भारतीय टीम को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है।

गांगुली ने ज़िम्बाब्वे दौरे पर पहले टेस्ट मैच में ही शानदार शतक जमाया और मीडिया से बातचीत के दौरान कहा की चैपल ने उन्हें कप्तानी छोड़ने की बात कही थी। मामला यही नहीं रुका और तब चैपल ने बीसीसीआई को एक पत्र लिखा जिसके बाद ज़िम्बाबवे दौर के बाद ही गांगुली को भारतीय टीम के कप्तानी पद से हटा दिया गया था। उनके कोच रहते हुए टीम इंडिया का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 
 

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