संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन पर आईसीसी समिति की बैठक
बेंगलुरु, 06 जून (हि.स.)। चकिंग के बढ़ते खतरे से चिंतित आईसीसी की क्रिकेट समिति का मानना है कि अवैध गेंदबाजी एक्शन का पता लगाने के मौजूदा तरीके काफी नहीं हैं और अंपायरों को अधिक आत्मविश्वास के साथ दोषी खिलाड़ियों की
बेंगलुरु, 06 जून (हि.स.)। चकिंग के बढ़ते खतरे से चिंतित आईसीसी की क्रिकेट समिति का मानना है कि अवैध गेंदबाजी एक्शन का पता लगाने के मौजूदा तरीके काफी नहीं हैं और अंपायरों को अधिक आत्मविश्वास के साथ दोषी खिलाड़ियों की रिपोर्ट करनी होगी।
भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले की अगुवाई में समिति की दो दिवसीय बैठक में यह माना गया कि अवैध गेंदबाजी एक्शन पर काबू पाने के लिये और उपाय करने होंगे। आईसीसी ने एक बयान में कहा कि समिति ने अवैध गेंदबाजी एक्शन के मसले पर बात की और इसका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस समय कई गेंदबाजों के एक्शन संदिग्ध हैं। इसके अलावा आईसीसी की रिपरेटिंग और टेस्टिंग प्रक्रिया भी इनका पता लगाने के लिये पर्याप्त नहीं है।
इसमें कहा गया है कि समिति ने अवैध एक्शन वाले गेंदबाजों का पता लगाने के लिये अंपायरों और रैफरियों को प्रोत्साहित करने के लिये बदलावों का सुझाव दिया है। इसके अलावा बायोमैकेनिस्टों की भी सेवायें लेनी होंगी और एक बार आईसीसी प्रक्रिया के तहत पकड़े जाने पर गेंदबाजों पर लगातार नजर रखनी होगी।आईसीसी क्रिकेट समिति क्रिकेट से जुड़े सुझाव मुख्य कार्यकारियों की समिति के समक्ष मंजूरी के लिये रखेगी। सीईसी और आईसीसी बोर्ड की बैठक मेलबर्न में 22 से 28 जून तक आईसीसी की सालाना कांफ्रेंस में होगी। आईसीसी क्रिकेट समिति में खिलाड़ी, अंपायर और मीडिया शामिल हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द