Advertisement

खिलाड़ियों की तरह अंपायरों के लिए भी नियम होने चाहिए, BCCI कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी का बयान

नई दिल्ली, 12 अप्रैल | चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ऊपर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में अंपयारों से गलत व्यवहार के कारण मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगा है। राजस्थान रॉयल्स के...

Advertisement
खिलाड़ियों की तरह अंपायरों के लिए भी नियम होने चाहिए, BCCI  कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी का बयान Images
खिलाड़ियों की तरह अंपायरों के लिए भी नियम होने चाहिए, BCCI कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी का बयान Images (Twitter)
Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat
Apr 12, 2019 • 07:03 PM

नई दिल्ली, 12 अप्रैल | चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ऊपर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में अंपयारों से गलत व्यवहार के कारण मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगा है।

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat
April 12, 2019 • 07:03 PM

राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेले गए मैच के आखिरी ओवर में स्टोक्स की एक फुलटॉस गेंद को नो बॉल ने दिए जाने के कारण धोनी अंपायरों पर भड़क गए थे और डगआउट से मैदान पर आ गए थे। उन पर लेवल-2 के उल्लंघन के कारण मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया है। 

लेकिन इससे भी बड़ी समस्या लीग के इस सीजन में अंपायरों के कई गलत फैसलों के कारण बावल होना है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने कहा है कि यह एक ऐसी परिस्थिति है जहां खिलाड़ियों की तरह अंपायरों के लिए भी नियम होने चाहिए। 

उन्होंने कहा, "यह भारतीय क्रिकेट है और जाहिर सी बात है हर किसी के अपने विचार हैं। जब धोनी मैदान पर आए थे मुझे लगता है कि उन्हें पता होगा कि उन पर इस तरह के बर्ताव के कारण जुर्माना लगेगा। यह नियमों का उल्लंघन है और इसके लिए सजा तथा जुर्माना होना चाहिए। यहां मुद्दा खत्म हो जाता है।"

उन्होंने कहा, "जब नियमों के उल्लंघन के लिए सजा दी जाती है तो इसमें कई चीजें मायने रखती हैं जिसमें पुराने रिकार्ड के साथ-साथ मौजूदा हालात को भी ध्यान में रखा जाता है। यह साफ तौर पर दिख रहा है कि मैच अधिकारियों को अपनी कमर कसने की जरूरत है चाहे वो मैदान पर लिए गए फैसले हों या तीसरे अंपायर के चाहे मैच रैफरी के। उन्हें निरंतरता बनाए रखने की जरूरत है। उन्हें अपने सटीकता में सुधार करना होगा।"

बीती गलतियों का हवाला देते हुए चौधरी ने कहा, "मैं आपको धोनी का उदाहरण दे सकता हूं। उन्होंने नियमों को तोड़ा और उन पर जुर्माना लगा दिया गया। इससे पहले इसी टूर्नामेंट में विराट कोहली और युजवेंद्र चहल ने इसी तरह की हरकत की थी लेकिन उन पर जुर्माना नहीं लगा था। दोनों मामलों में अंपायरों का गलत फैसला खिलाड़ियों को उकसाने के लिए जिम्मेदार था। हमें समझना चाहिए की वह किस तरह की स्थिति में थे। इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए। हो सकता है कि समय आ गया है कि एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए जहां अंपायरों के ऊपर भी गलती करने पर जुर्माना लगाया जाए"

चौधरी ने कहा, "अंपायरों पर खेल की जिम्मेदारी होती है और उन्हें शीर्ष स्तर का प्रदर्शन करना होता है। अंपायरों और मैच अधिकारियों का प्रदर्शन इस मुद्दे का अहम हिस्सा है। आप जब इस टूर्नामेंट की अभी तक की समीक्षा करेंगे तो देखेंगे कि अश्विन ने 'ब्राउंनिंग' की (मैं इसे मैनकांडिंग कहना नहीं चाहूंगा क्योंकि विनू मांकड़ ने बिल ब्राउन को इसके लिए चेतावनी दी थी), बेंगलोर और मुंबई के मैच में आखिरी गेंद पर नो बॉल नहीं दी गई। पिछले मैच में उल्हस गांधे ने नो बॉल दे दी थी लेकिन स्कॉवर लेग अंपायर ने नहीं दी तो उन्हें फैसला बदलना पड़ा। यह सबसे बड़ी और सर्वश्रेष्ठ फ्रैंचाइजी लीग है।"

चौधरी को लगता हैे कि इस मुद्दे को तत्काल प्रभाव से देखना चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि अंपायरों की भर्ती का मुद्दा लोकपाल के पास जाएगा। 

उन्होंने कहा, "हमें इस सिस्टम को तत्काल प्रभाव से देखने की जरूरत है। अंपायरों को परखने का तरीका अगर सुधारा नहीं जा सकता तो उसे जैसा है वैसा ही सही तरह से उपयोग में लिया जाना चाहिए। अंपायरों को देखने के लिए वीडियो कैमरा हैं वो काफी कम हैं और इसके लिए कोई बहाना नहीं दिया जा सकता।"

Trending

Advertisement

TAGS BCCI
Advertisement