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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलैंड यात्रा ने एक अनोखे 'क्रिकेट कनेक्शन' की याद ताजा करा दी, जानिए क्या है कनेक्शन?

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलैंड यात्रा को एक ऐतिहासिक और भारत-पोलैंड संबंधों की मजबूत कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। भारत और पोलैंड के बीच 1954 में राजनयिक संबंध (Diplomatic Relations) बने और उसके बाद दोनों...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलैंड यात्रा ने एक अनोखे 'क्रिकेट कनेक्शन' की याद ताजा करा दी, जानिए क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलैंड यात्रा ने एक अनोखे 'क्रिकेट कनेक्शन' की याद ताजा करा दी, जानिए क (Image Source: Twitter)
AFP News
By AFP News
Aug 28, 2024 • 10:00 AM

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोलैंड यात्रा को एक ऐतिहासिक और भारत-पोलैंड संबंधों की मजबूत कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। भारत और पोलैंड के बीच 1954 में राजनयिक संबंध (Diplomatic Relations) बने और उसके बाद दोनों देश में दूतावास (Embassy) खुले। प्रधानमंत्री ने अपनी पोलैंड यात्रा की शुरुआत नवानगर (अब जामनगर) के पूर्व महाराजा जाम साहब दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी (Jam Saheb Digvijaysinhji Ranjitsinhji) के स्मारक पर श्रद्धांजलि से की। ऐसा क्या योगदान है जिसकी बदौलत महाराजा का स्मारक पोलैंड के वारसॉ शहर में बना?  

AFP News
By AFP News
August 28, 2024 • 10:00 AM

इतिहास में ये दर्ज है कि 1942 में महाराजा दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान, रशिया से वॉर के बीच से लौट रहे, पोलैंड के भूखे और बुरी हालत में महिलाओं और बच्चों को (जब और कोई देश उन्हें शरण नहीं दे रहा था) जामनगर ले आए थे। इनके लिए जामनगर के करीब बालचाडी नाम के गांव में रहने का इंतजाम किया। इन्हें न सिर्फ एक अच्छी जिंदगी दी, 1000 से ज्यादा बच्चों के लिए पोलिश चिल्ड्रन कैंप लगाया जहां उन्हें अपने देश की पढ़ाई मिली। काम अधूरा नहीं छोड़ा और कई साल बाद हालात सामान्य होने पर ये जिस भी देश जाना चाहते थे- इन्हें वहां भेजा। तब कहते थे कि उन्होंने 'भारत में छोटा पोलैंड' बसा दिया है। 

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