'मुझे बुरा लगता था जब मुझसे बेहतर खिलाड़ी सेलेक्ट नहीं होते थे', रॉबिन बोले- मुझे पता था, मेरी जर्नी आसान होगी
रॉबिन उथप्पा क्रिकेट के मैदान पर आक्रमक बल्लेबाज़ी करने के लिए जाने जाते हैं। आईपीएल में उथप्पा महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा हैं। वहीं टी-20 वर्ल्ड कप 2007 के दौरान भी रॉबिन माही की टीम में शामिल थे। हालांकि स्किल्स और टैलेंट होने के बावजूद इस सलामी बल्लेबाज़ी की जर्नरी आसान नहीं रही है। रॉबिन उथप्पा ने हाल ही अपने करियर से जुड़े किस्से भी शेयर किए हैं। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि अपने करियर की शुरुआत में वह हॉकी खेला करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने क्रिकेट में करियर बनाने का फैसला किया।
आसान होता हॉकी में करियर बनाना: रॉबिन उथप्पा ने हाल ही में क्रिकचेट पर बातचीत करते हुए यह बताया कि उनके पिता हॉकी के नामी अंपायर थे, जिन्होंने कर्नाटक को भी रिप्रेजेंट किया। बचपन में वह अंडर-16 सब-जूनियर सेलेक्शन के लिए गए थे। वहां उन्होंने यह महसूस किया कि उनके लिए हॉकी में करियर बनाया काफी आसान होगा, क्योंकि वहां उनके पिता को सभी पसंद करते थे।
टूट गया था दिल: सेलेक्शन के दिनों में, उथप्पा ने यह भी महसूस हुआ कि उनसे काबिल खिलाड़ियों का सेलेक्शन नहीं हो रहा है, लेकिन वह अच्छी बैक के साथ हॉकी खेल रहे हैं, जिस वज़ह से वह स्टेंड-बाई प्लेयर के तौर पर सेलेक्ट हो गए। इस वज़ह से छोटे रॉबिन का दिल काफी दुखा था और उन्हें काफी बुरा लगा।
हॉकी नहीं, क्रिकेट को चुना: रॉबिन उथप्पा स्वाभिमानी थे, इसलिए इस दाएं हाथ के खिलाड़ी ने हॉकी को छोड़कर क्रिकेट खेलने का फैसला किया। बता दें कि रॉबिन हॉकी को काफी पसंद करते थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस खेल को छोड़ने का फैसला किया क्योंकि उनका मानना था कि अगर वह वहां कुछ अच्छा भी करते हैं तो उन्हें सिर्फ उनके पिता के नाम से जाना जाएगा। इसलिए उन्होंने क्रिकेट को चुना और अपनी मेहनत के दम पर खुद का नाम बनाया। गौरतलब है कि क्रिकेट में रॉबिन उथप्पा के पिता की पहचान बिल्कुल भी नहीं है।